UP की शाहीन बेगम के इस Video ने मचाई सनसनी, दलित युवक बोला- आशीर्वाद ले रहा था; अध्यक्ष बोलीं- राजनीतिक साजिश
AajTak
पेशाब कांड और जूते में पानी पिलाने की खबरों के बीच अब उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से सनसनी मचा देने वाला वीडियो सामने आया है. 15 सेकंड के वीडियो में एक शख्स अपने सामने कुर्सी पर बैठी महिला के पैरों में सिर रखकर गिड़गिड़ा नजर आ रहा है.
UP News: समाजवादी पार्टी की नेता और पिहानी नगर पालिका की महिला अध्यक्ष के पैरों के आगे सिर रखे एक दलित का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वह महिला के पैरों के आगे अपना सिर रखकर हाथ जोड़कर माफी मांगता हुआ दिखाई पड़ रहा है. इस दौरान कुछ लोग तेज़ आवाज में उससे माफ़ी मांगने की बात कहते सुनाई दे रहे हैं. नगर पालिका अध्यक्ष गिड़गिड़ा रहे युवक को उठने के लिए कहती हैं. अब वीडियो सामने आने के बाद दलित युवक फिलहाल महिला अध्यक्ष को मां समान बताते हुए उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेने की बात बोल रहा है. वहीं, महिला अध्यक्ष ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है.
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होता 15 सेकंड का वायरल वीडियो हरदोई जिले की पिहानी नगर पालिका से ताल्लुक रखता है. दरअसल, मेरे सराय मोहल्ले में रहने वाला एक दलित युवक राजाराम पुत्र रामपाल नगर पालिका अध्यक्ष शाहीन बेगम के पैरों में गिरकर किसी बात को लेकर माफ़ी मांग रहा है. युवक उनके पैरों के पास हाथ जोड़ और सिर रखकर कहता नजर आ रहा है, ''बहुत बड़ी गलती हो गयी. माफ़ कर दो.''
इस दौरान पीछे से एक व्यक्ति तेज़ आवाज में बोलने को कहता है. तब बेबस युवक एक बार फिर ''माफ कर देऊ.. दोबारा गलती नहीं होगी'' कहता नजर आता है. महिला अध्यक्ष वीडियो में युवक से उठने के लिए कहती हैं.
अब इस घटना को सफाईकर्मी के अन्याय बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है. अध्यक्ष के पैरों में गिरकर माफ़ी मांगने वाले युवक राजाराम ने इसे गलत बताया है. साथ ही वायरल वीडियो को चालबाजी बताते हुए नगर पालिका अध्यक्ष शाहीन बेगम को मां सामान बताया और उनके पैर छूने की बात कही है.
महिला अध्यक्ष शाहीन बेगम का कहना है कि एक युवक आकर उनके पैरों में लेट गया था. जिसे वो महिला होने के नाते नहीं उठा पाईं. उसे दूसरे लोगों ने उठाया. इसके बाद कुर्सी पर बैठाकर उसकी समस्या सुनी गई. उन्होंने इस वायरल वीडियो को अपने राजनैतिक विरोधियों की साजिश बताया है.
फिलहाल सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन भी हरकत में आया और युवक से जानकारी ली है. लेकिन युवक ने वीडियो को गलत संदेश के साथ वायरल करने के मामले में लिखित तहरीर पुलिस में दी है.
'साहित्य आजतक 2024' के मंच पर शनिवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशेष रूप से आमंत्रित थीं. मौका था 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' के 2024 के समारोह का. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने अलग-अलग 8 कैटेगरी में सम्मान दिए और लेखक गुलज़ार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया. देखें इस दौरान महामहीम का भाषण.
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है. कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया. हमारी सरकार ने मराठी को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया. मातृभाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है.
भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.