Somvati Amavasya 2023: 19 साल बाद बना सावन में सोमवती अमावस्या का योग, गंगा स्नान करने उमड़ी भीड़
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Haridwar: सोमवती अमावस्या के दिन मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल दे देता है. आज के दिन कोई अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर ले, तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन सुधर जाता है और व्यक्ति की मनोकामना इच्छितकामना पूर्ण हो जाती है.
आज सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व है यानी सोमवार की अमावस्या. वैसे तो अमावस्या का अपना अलग महत्व है, मगर सोमवती अमावस्या व्यक्ति के लिए पुण्यदायी है और उस पर सावन में सोमवती अमावस्या पड़ने का योग अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह योग करीब 19 वर्ष बाद आया है. इस के चलते गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य और मोक्ष की कामना कर रहे हैं. गंगा स्नान करने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु आए हैं.
सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि इस अवसर पर मां गंगा में स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस अवसर पर पितरों के निमित्त पूजा करने से जीवन मे सुख और शांति आती है. श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने की उम्मीद के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं और मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 22 जोन और 69 सेक्टर में बांटकर अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है. मगर सोमयुता अर्थात सोमवती अथवा भोमयुता अर्थात भौमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी होती है. आप इसके पुण्य का इसी बात से प्रभाव लगा सकते हैं कि इस सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में स्वयं भीष्म पितामह ने अपनी शरशैया पर पड़े रहते हुए इंतजार किया था.
सोमवती अमावस्या के दिन मात्र जलस्नान करना व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के समान फल दे देता है और आज के दिन अपने पितरों के प्रति तर्पण श्राद्ध आदि करना, पीपल के वृक्ष की पूजा करना और उसमें अपने पितरों की कामना करते हुए किसी भी प्रकार से 108 परिक्रमा कर ले, तो यह निश्चित समझिए कि व्यक्ति का कितना भी कठिनाईपूर्ण जीवन हो, वो सुधर जाता है और व्यक्ति की मनोकामना इच्छितकामना पूर्ण हो जाती है.
गंगा आदि पवित्र नदियों में हरिद्वार आदि तीर्थों में आज के दिन स्नान का अत्यधिक महत्व है. आज ब्रह्मकुंड हर की पैड़ी स्नान करके व्यक्ति अपने जीवन को कल्पकल्पान्तर तक के पाप नष्ट करके व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त कर लेता है. आज जो दान करेंगे, जो पुण्य करेंगे वो अक्षय है. सोमवती अमावस्या व्यक्ति की पुण्यदायी और जीवनदायी है.
वैसे तो स्नान पर्वों पर हमेशा ही लोगों की भीड़ हरिद्वार गंगा स्नान के लिए पहुंचती है. मगर आज सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता है. हर की पैड़ी पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से परिवार में सुख समृद्धि तो आती है. सभी मनोकामना पूरी होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही पितरों की आत्मा भी तृप्त होती हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.
एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, कावड़ मेले के बाद सावन में पड़ी सोमवती अमावस्या पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु के आने को देखते हुए ही सुरक्षा बल तैनात किया गया है और उसी के हिसाब से फोर्स भी मिला है. मेला क्षेत्र को 11 सुपर जोन, 21 जोन और 69 सेक्टर में बांटकर अधिकारियों और सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. साथ ही पारा मिलिट्री फ़ोर्स भी तैनात की गई है और ट्रैफिक को लेकर भी प्रबंध किया गया है.
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