Saria-Cement Update Rate: धीरे-धीरे बढ़ने लगे सरिया-सीमेंट के दाम, फटाफट बनवा लीजिए अपना मकान
AajTak
इस साल मार्च-अप्रैल में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें अपने चरम पर थीं. उसके बाद सरिया (Saria), सीमेंट (Cement) जैसी सामग्रियों की कीमतों में तेजी से नरमी आई. इस महीने के पहले सप्ताह तक सरिया और सीमेंट के भाव लगातार गिरे. सरिया के मामले में तो भाव करीब-करीब आधे हो गए थे. हालांकि अब पिछले एक-दो दिन से सरिया के रेट का ट्रेंड पलटा है.
अपने घर का सपना (Dream Home) पूरा करने के लिए लोग सालों-साल तक तैयारियां करते हैं. पहले जमीन खरीदने के लिए पैसे जमा करना, फिर मकान बनाने के पैसे जमा करने के लिए कई साल तक पाई-पाई जोड़ना. इसके बाद भी महंगाई (Inflation), मजदूरी (Labour Cost) जैसे कई फैक्टर हैं, जिनके कारण लोगों को ड्रीम होम मिलने में देरी होते जाती है. चंद महीने पहले तक हालात ये थे कि भवन निर्माण सामग्रियों (Building Materials) की आसमान छूती कीमतों के चलते लाग अपने घर का सपना पूरा करने में हिचक रहे थे.
फिर बढ़ने लग गए सरिया के भाव
इस साल मार्च-अप्रैल में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतें अपने चरम पर थीं. उसके बाद सरिया (Saria), सीमेंट (Cement) जैसी सामग्रियों की कीमतों में तेजी से नरमी आई. इस महीने के पहले सप्ताह तक सरिया और सीमेंट के भाव लगातार गिरे. सरिया के मामले में तो भाव करीब-करीब आधे हो गए थे. हालांकि अब पिछले एक-दो दिन से सरिया के रेट का ट्रेंड पलटा है. सिर्फ एक दिन में सरिया कुछ जगहों पर 1000 रुपये प्रति किलो तक महंगा हो गया है. सीमेंट के भाव भी 10-20 रुपये बोरी तक बढ़े हैं. इस कारण एक बार फिर से भवन निर्माण सामग्रियों के दाम बढ़ने का खतरा उपस्थित हो गया है. ऐसे में घर बनाने की तैयारी कर रहे लोगों को देरी करना भारी पड़ सकता है.
कई शहरों में 1000 रुपये तक महंगा हुआ सरिया
हालांकि सरिये (Iron Rod) की बात करें तो दो-तीन महीने की तुलना में अभी-भी इसका भाव करीब आधा ही है. इस हफ्ते भले ही सरिया के भाव में 1,100 रुपये प्रति टन तक की तेजी आई है, लेकिन अपने पीक से यह अब भी बहुत नीचे है. मार्च में कुछ जगहों पर सरिये का भाव 85 हजार रुपये टन तक पहुंच गया था. पिछले सप्ताह यह कम होकर कई जगहों पर 44 हजार रुपये टन के पास आ गया. सिर्फ लोकल ही नहीं बल्कि ब्रांडेड सरिये का भाव भी पिछले कुछ महीनों में काफी कम हुआ है. अभी ब्रांडेड सरिये का भाव कम होकर 80-85 हजार रुपये प्रति टन पर आ गया है. मार्च 2022 में ब्रांडेड सरिये का रेट 01 लाख रुपये प्रति टन के पास पहुंच गया था. इस चार्ट में देखिए सरिये का औसत भाव कैसे कम-ज्यादा हुआ है...
सरिया की औसत खुदरा कीमत (रुपये प्रति टन):
Delhi Pollution: सर्द मौसम की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. आलम यह है कि नवंबर के मध्य में ही दिल्ली में धुंध की एक मोटी परत छा गई है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. लोगों को सांस लेने में समस्या से लेकर गले में जलन तक की परेशानी से जूझते हुए देखा जा रहा है.
Redmi A4 5G Launch in India: Xiaomi के सस्ते फोन Redmi A4 5G को खरीदते हुए आपको सावधान रहने की जरूरत है. ये फोन 5G सपोर्ट के साथ तो आता है, लेकिन इस पर आपको Airtel 5G का सपोर्ट नहीं मिलेगा. कंपनी ने लॉन्च इवेंट में तो इस बारे में जानकारी नहीं दी थी, लेकिन स्पेक्स पेज पर एक छोटी डिटेल जरूर दी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
UP Police Recruitment Scam: यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2020-21 में सब-इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर और अग्निशमन अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की थी. जांच में सामने आया कि सात अभ्यर्थियों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सॉल्वर गैंग की मदद से अपनी जगह सॉल्वर गैंग के डमी कैंडिडेंट्स को बैठाया था.
Hyundai Ioniq 9 साइज में काफी बड़ी है और कंपनी ने इसके केबिन में बेहतर सीटिंग अरेंजमेंट के साथ इसके व्हीलबेस को भी लंबा बनाया है. इसमें थर्ड-रो (तीसरी पंक्ति) में पीछे की तरफ घूमने वाली सीट दी गई है. इसके अलाव ये कार व्हीकल टू लोड (V2L) फीचर से भी लैस है, जिससे आप दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी पावर दे सकते हैं.
इस प्रक्रिया की सफलता की जांच करने के लिए पहले मॉक टेस्ट का आयोजन किया जाएगा. मॉक टेस्ट में चार अलग-अलग पारियों में 400 स्टूडेंट्स को बुलाया जाएगा, और इसके लिए छात्रों को 23 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा. अगर यह टैबलेट बेस्ड टेस्ट प्रक्रिया सही तरीके से आयोजित होती है, तो भविष्य में कर्मचारी चयन बोर्ड की छोटी भर्ती परीक्षाओं के लिए भी टैबलेट मोड पर परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई जाएगी.
गुड़गांव की सबसे महंगी सोसायटी ‘द कैमिलियास’ में फ्लैट का मालिक होना एक स्टेटस सिंबल माना जाता है. यहां रहना हर किसी का सपना होता है, लेकिन भारत में शायद 0.1% लोग ही इस सपने को पूरा करने की क्षमता रखते हैं. फिर भी, आम लोगों के मन में हमेशा यह सवाल रहता है कि आखिर करोड़ों के इन फ्लैट्स का अंदरूनी नजारा कैसा होता है.