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Sankashti Chaturthi 2024: 28 या 29 जनवरी, कब है संकष्टी चतुर्थी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय
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Sankashti Chaturthi 2024: इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 29 जनवरी, सोमवार को रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश और सकट माता की पूजा की जाती है. सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुण्डी चतुर्थी, माही चौथ और तिल कुटा चौथ भी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर सभी माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना भी करती हैं.
Sankashti Chaturthi 2024: इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 29 जनवरी, सोमवार को रखा जाएगा. माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस तिथि को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है. इस दिन भगवान गणेश और चंद्र देव की उपासना करने का विधान है. इस दिन गणेश जी की उपासना से जीवन के संकट टल जाते हैं. संकट काटने की तिथि होने की वजह से इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. साथ ही साथ इस दिन का संबंध संतान प्राप्ति से भी होता है और इस दिन संतान संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं.
संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)
इस दिन माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी, सोमवार को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर 30 जनवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. उदयातिथि के अनसार, संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी को ही मनाई जाएगी. साथ ही इस दिन चंद्रोदय का समय रात 9 बजकर 10 मिनट रहेगा.
संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि (Sankashti Chaturthi Pujan Vidhi)
इस दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना है. इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद गणेश जी को तिलक लगाएं, दुर्वा, जल, चावल, जनेऊ अर्पित करें. फिर गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी हुई चीजों का भोग जरूर लगाना है. इसके बाद धूप और दीया जलाकर भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें.
साथ ही इस दिन सकट चौथ की कथा का जाप भी करना चाहिए. इस दिन गणेशजी के 12 नामों का उच्चारण भी करना चाहिए. शाम के समय भी इसी तरह गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय लोटे में तिल भी डालना है. इस दिन गाय की सेवा भी जरूर करनी चाहिए. शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करना है.
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