Russia-Ukraine War: यूक्रेन-पोलैंड बॉर्डर पर रोते दिखे भारतीय छात्र, बयां किया दर्द
AajTak
Russia-Ukraine War: रूस का यूक्रेन पर हमला लगातार तेज़ होता जा रहा है. इस बीच भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकलने की कोशिश भी जारी है. हर दिन छात्रों को स्पेशल फ्लाइट से लाया जा रहा है लेकिन कई ऐसे छात्र ऐसे हैं जो अब यूक्रेन पोलैंड बॉर्डर पर फंस गए हैं. यूक्रेन से एक भारतीय छात्र आर्यन ने अपने सीनियर स्टूडेंट के वीडियो भेजे हैं. वीडियो में छात्र आपबीती बात रहे हैं. एक वीडियो में निखिल कुमार नाम का छात्र बता रहा है कि वो और उसके साथी कैब करके हॉस्टल से पोलैंड के लिए निकले थे लेकिन बॉर्डर से लगभग 25 किलोमीटर पहले कैब ने उतार दिया. कैब के बीच में छोड़े जाने के कारण छात्रों को 25 किलोमीटर पैदल चलकर पोलैंड बॉर्डर पर पहुंचना पड़ा. इसके बावजूद पोलैंड में उन्हें एंट्री नहीं दी गई. देखिए ये रिपोर्ट.
Drone Delivery: ड्रोन का इस्तेमाल अब खेती से लेकर डिलीवरी और युद्ध तक में हो रहा है. हालांकि, शहरों और रिमोट एरिया में ड्रोन डिलीवरी में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं. इसकी वजह इनकी पहुंच का आसान होना है. जहां रिमोट एरिया में रास्तों की चुनौती होती है, तो शहरों में ट्राफिक इन रास्ते का रोड़ा होता है. ऐसे में ड्रोन्स कैसे डिलीवरी के क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं.
गुजरात के मुख्य सचिव की ओर से कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि राज्य सरकार के 27 विभिन्न विभागों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 21,114 पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं. इन रिक्तियों में 9,251 पद दृष्टिहीन और कम दृष्टि वाले व्यक्तियों के लिए, 4,985 पद श्रवण बाधितों के लिए, 1,085 पद लोकोमोटर विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए, और 5,000 पद अन्य विकलांगताओं से प्रभावित व्यक्तियों के लिए आरक्षित हैं.