Russia-Ukraine War: चीन के लोगों ने क्यों दी मोदी सरकार की मिसाल?
AajTak
Russia-Ukraine War: यूक्रेन और रूस की जंग के बीच काफी सारे लोग यूक्रेन में फंस गए हैं और वे जल्द से जल्द वहां से निकलना चाहते हैं. भारतीयों को वहां से निकालने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' चलाया गया, जिसके तहत यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों को विभिन्न देशों के रास्ते भारत वापस लाया जा रहा है. ऐसे में एक चाइनीज स्टूडेंट ने भारत का उदाहरण देते हुए एक बात कही है.
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के कारण दुनिया भर में काफी तनाव चल रहा है. इस जंग में दुनिया के तमाम देश अपना-अपना मत सामने रख रहे हैं और वहीं अमेरिका, ब्रिटेन, पोलेंड, जर्मनी जैसे देश यूक्रेन को हथियार मुहैया करा रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध से काफी सारे लोग दहशत में हैं और यूक्रेन छोड़कर अपने-अपने देश जाना चाहते हैं. ऐसे में एक ओर गोलीबारी हो रही है, तो दूसरी कड़ाके ठंड पड़ रही है. जिस कारण कई लोग बंकर में छिपने के लिए मजबूर हो गए हैं. यूक्रेन से 16 हजार भारतीयों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' चलाया गया है और इसके तहत भारतीयों को भारत लाने की शुरुआत हो चुकी है. 16 हजार भारतीयों में से करीब 14 हजार स्टूडेंट हैं. उन्हें रोमानिया और पोलैंड के रास्ते भारत लाया जा रहा है. वहां पर कुछ चाइनीज स्टूडेंट भी फंसे हुए हैं. Aajtak संवाददाता ने जब स्टूडेंट से बात की तो उसने भारत का उदाहरण दिया.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है? क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है? क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को लग रहा है कि ईरान में सरकार बदलने के बाद पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा. देखें वीडियो.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है. क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है. क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को ऐसा क्यों लग रहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा? देखें.
हिंसक प्रदर्शनों के बीच अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई, और उन्होंने भारत में शरण ली. फिलहाल बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार है, जो देश पर हसीना को लौटाने का दबाव बना रही है. हाल में एक बार फिर वहां के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक नोट भेजते हुए पूर्व पीएम की वापसी की मांग की. भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?