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Ramadan 2023: कुरान से पहले भी दुनिया में रखा जाता था रोजा, इस्लाम धर्म से भी पुरानी है यह प्रथा
Zee News
दरअसल रमादान (Ramadan) का वास्तविक अर्थ होता है 'बेइंतेहा गर्मी'. यानी गर्मी का वह महीना जिसमें एक महीने का उपवास रखा जाता था. लेकिन सातवीं शताब्दी में इस्लामिक कैलेंडर अपनाने के बाद यह महीना साल भर शिफ्ट होता रहता है.
नई दिल्ली. रमजान के पाक महीन में रोजा रखने की प्रथा को दुनियाभर में इस्लाम धर्म के अनुयायी पूरी आस्था के साथ मनाते हैं. हालांकि महीनेभर के उपवास का यह धार्मिक नियम केवल इस्लाम धर्म से जुड़ा नहीं है. यह प्रथा इस्लाम से पहले के समय भी मौजूद थी. 622 ईसवी में पैगंबर हजरत मोहम्मद ने इस प्रथा को एक नियम या व्यवस्था में तब्दील कर दिया. कुरान में इसका जिक्र है. यहां तक कि कुरान में भी इस नियम का जिक्र करते वक्त इसे पहले से मौजूद एक व्यवस्था बताया गया है.
इसी बात में उस बहस का मूल भी छुपा है कि रमजान का असली नाम क्या है यानी Ramzan या फिर Ramadan. दरअसल रमादान (Ramadan) का वास्तविक अर्थ होता है 'बेइंतेहा गर्मी'. यानी गर्मी का वह महीना जिसमें एक महीने का उपवास रखा जाता था. लेकिन सातवीं शताब्दी में इस्लामिक कैलेंडर अपनाने के बाद यह महीना साल भर शिफ्ट होता रहता है.