'PM मोदी की लीडरशिप के केंद्र में हैं महिलाएं...', दावोस में बोली स्मृति ईरानी
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स्मृति ईरानी ने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए ये शर्त भी रखी थी कि सरकार द्वारा बनाए गए आवासों की मालिक महिला होंगी या फिर सह-मालिक. उन्होंने कहा कि जब महिलाओं के पास संपत्ति होती है, तो उनके परिवार में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा कम हो जाती है. यह विकास का एक व्यापक प्रभाव है, जिसके केंद्र में समावेशन है.
दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक का आयोजन किया जा रहा है. इसमें इंडियन डेलिगेशन को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी लीड कर रही हैं. इस दौरान स्मृति ईरानी ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के सवाल पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप के एजेंडे के केंद्र में महिलाएं हैं. क्योंकि ऐसा समझा जाता था कि अगर विकास को बढ़ावा देना है तो इसमें सभी का समावेश करना होगा. उनके समावेशी विकास एजेंडे की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक हमारी अर्थव्यवस्था का महिला घटक रहा है. महिलाओं के विकास के लिए केंद्र में विभिन्न सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. चाहे वह आवास योजना हो या दूसरी महत्वपूर्ण योजनाएं.
इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं के विकास को ध्यान में रखते हुए ये शर्त भी रखी थी कि सरकार द्वारा बनाए गए आवासों की मालिक महिला होंगी या फिर सह-मालिक. उन्होंने कहा कि जब महिलाओं के पास संपत्ति होती है, तो उनके परिवार में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा कम हो जाती है. यह विकास का एक व्यापक प्रभाव है, जिसके केंद्र में समावेशन है.
वर्ल्ड इकॉनोमिक फॉरम के सामने उठाया ये मुद्दा
जेंडर समानता में भारत की स्थिति सुधरी है. वर्ल्ड रैंकिंग में देश 127वें स्थान पर था, जो कि पहले 135वें स्थान पर था. इस मामले में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने पिछले साल भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पर ये बात कही थी कि कैसे महिलाओं के संबंध में भारत द्वारा कही गई बातों पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए हमारी 15 लाख महिलाएं हैं, जो हमारी पंचायतों में चुनी जाती हैं. राजनीतिक सशक्तिकरण को लेकर जब जेंडर गैप इंडेक्स सामने आता है, तो वे उन 15 लाख महिलाओं को नहीं मानते हैं, जो चुनी जाती हैं. इतना ही नहीं, ये उन महिलाओं पर विचार नहीं करते जो विधानसभाओं के लिए चुनी जाती हैं. वे उन महिलाओं को लेकर विचार नहीं करते जो राज्य सरकारों में मंत्री हैं. वे उन महिलाओं को ध्यान में नहीं रखते जो भारत सरकार में मंत्रिपरिषद का हिस्सा हैं. तो यह बड़ा अंतर कुछ ऐसा है, जिसे हमने वर्ल्ड इकॉनोमिक फॉरम के समक्ष उठाया था.
'ऐसा भारत में पहली बार हो रहा'
स्मृति ईरानी ने कहा कि फोरम की ओर से जवाब दिया गया कि ऐसा भारत में पहली बार हो रहा है. साथ ही उन्होंने इस बात को लेकर आश्वस्त भी किया कि इस पर चिंतन किया जाएगा कि भारत की इस राजनीतिक क्षमता को कैसे पहचाना जाए. स्मृति ने कहा कि महिलाओं के लिए 33% आरक्षण विधेयक के पारित होने के बाद हम वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सामने आए हैं. जो इस क्षेत्र में किसी भी देश के लिए पहली बार है.
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