PFI का कनाडा के PAK दूतावास ने पहले किया सपोर्ट, फिर डिलीट किया ट्वीट
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर भारत के रुख से पाकिस्तान सहमत नहीं दिख रहा है. वैंकुवर के पाक दूतावस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का सपोर्ट किया है. वैंकुवर के महावाणिज्य दूत ने PFI का समर्थन किया है.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर भारत के रुख से पाकिस्तान सहमत नहीं दिख रहा है. वैंकूवर के पाक दूतावस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का पहले तो सपोर्ट किया. फिर उसे डिलीट भी कर दिया. वैंकुवर के महावाणिज्य दूत ने PFI का समर्थन किया था. वैंकूवर के पाक दूतावस का यह ट्वीट ऐसे वक्त में सामने आया था जब PFI पर भारत में पांच साल का बैन लगा दिया गया है.
देश में PFI से जुड़े लोगों पर हो रही छापेमारी के बाद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया था. इसमें लिखा था कि भारत में बीजेपी शासित राज्यों में बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां हो रही हैं. PFI ने कहा कि ऐसा केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से हो रहा है. इसपर वैंकुवर के महावाणिज्य दूत ने रिप्लाई किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, यूरोपियन कमीशन, मानवाधिकार संगठन के साथ-साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को टैग किया था. लेकिन अब इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया है.
PFI पर केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पांच साल का बैन लगाने का ऐलान किया. वैसे PFI पर पाबंदी लगेगी इस बात का अंदाजा पहले से ही था. सुरक्षा एजेंसियों को PFI के नापाक साजिशों के सबूत मिलने लगे थे. इस बात के भी सबूत मिलने का दावा था कि PFI ने हिंदुस्तान को इस्लामिक स्टेट बनाने का ब्लूप्रिंट तैयार कर रखा था.
NIA द्वारा PFI पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. जैसे शाहीन बाग में CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन में PFI की फंडिंग की बात सामने आई है. 16 साल पहले बने संगठन ने 23 राज्यों में इतनी फैलाव कैसे किया, इसपर भी सुरक्षा एजेंसियों की नजरें थीं. 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की थी. इसके बाद इसका नाम दंगों से हत्या तक में जुड़ा. फिर संगठन 16 सालों में 23 राज्यों तक पहुंच गया.
PFI के कई कार्यकर्ता से ढेरों दस्तावेज मिलने का दावा हुआ था. इसमें लिखा था कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है.
स्पेन में रूस के दूतावास ने एक बयान में कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मालवाहक जहाज किन परिस्थितियों में डूबा और स्पेन में अधिकारियों के संपर्क में हैं. लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप के मुताबिक ओबोरोनलॉजिस्टिका ग्रुप की सिस्टर कंपनी SK-Yug, कार्गो शिप 'Ursa Major' की ऑनर और ऑपरेटर है. उसने इसके डूबने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
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