Pakistan: सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला, 21 सैनिक घायल
AajTak
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मंगलवार को सेना के काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया, जिसमें 21 सैनिक घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है. फिलहाल, सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है. पाकिस्तान में बीते कई महीनों से सुरक्षाबलों पर लगातार हमले हो रहे हैं.
अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मंगलवार को पाकिस्तान के सैन्य काफिले पर आत्मघाती हमला किया गया. इस घटना में 21 सैनिक घायल हो गए. यह घटना खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान में मीर अली बाइपास रोड पर हुई. यहां से गुजर रहे पाकिस्तान के एक सैन्य वाहन पर हमला किया गया
सूत्रों का कहना है कि इस हमले में घायल 21 सैनिकों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. सभी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है.
तहरीक-तालिबान पाकिस्तान की ओर से जारी संघर्षविराम के बावजूद जनजातीय इलाकों में आतंकी लगातार सुरक्षाबलों पर हमले कर रहे हैं.
इससे पहले नौ अगस्त को उत्तरी वजीरिस्तान जिले में आत्मघाती हमले में पाकिस्तान के चार सैनिकों की मौत हो गई थी जबकि सात अन्य घायल हो गए थे. इससे पहले चार जुलाई को सुरक्षाबलों के काफिले पर आत्मघाती हमले में 10 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है? क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है? क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को लग रहा है कि ईरान में सरकार बदलने के बाद पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा. देखें वीडियो.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है. क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है. क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को ऐसा क्यों लग रहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा? देखें.
हिंसक प्रदर्शनों के बीच अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई, और उन्होंने भारत में शरण ली. फिलहाल बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार है, जो देश पर हसीना को लौटाने का दबाव बना रही है. हाल में एक बार फिर वहां के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक नोट भेजते हुए पूर्व पीएम की वापसी की मांग की. भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?