'NTA कम से कम करे आउटसोर्सिंग, हमें 'माफिया' न कहें', केंद्र से बोला, कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया
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CFI ने कहा, इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और छात्र पहले से ही NEET परीक्षा को लेकर अनिश्चितता से तनाव में हैं और हमें उनकी मानसिक स्थिति को समझने की जरूरत है. किसी भी लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (CFI) ने केंद्र को कई सुझाव दिए हैं, जिनमें NTA की ओर से परीक्षा संबंधी कार्यों की आउटसोर्सिंग को कम करने का सुझाव प्रमुखता से शामिल है. CFI ने कहा है कि अनियमितताओं की रिपोर्ट करने के लिए एक एजुकेशन टास्क फोर्स और एक हेल्पलाइन शुरू करना चाहिए. इसके अलावा साल में कम से कम दो बार और केवल बोर्ड परीक्षाओं के बाद प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए.
देश भर के कोचिंग संस्थानों के प्रमुख संगठन CFI के सुझाव परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक सहित कथित अनियमितताओं को लेकर बढ़ते विवाद के बीच आए हैं.
फेडरेशन ने पेपर लीक को रोकने के लिए अपने सुझावों की लिस्ट में कोचिंग इंडस्ट्री को 'कुछ लोगों की ओर से किए गए किसी भी गलत काम के लिए माफिया' के रूप में ब्रांड करने पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की. फेडरेशन ने प्रचार के लिए पेपर लीक का उपयोग करने और छात्रों की भावनाओं को भुनाने और राजनीति करने वाले शैक्षणिक संस्थानों की भी आलोचना की.
CFI ने कहा, 'इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और छात्र पहले से ही NEET परीक्षा को लेकर अनिश्चितता से तनाव में हैं और हमें उनकी मानसिक स्थिति को समझने की जरूरत है. किसी भी लाभ के लिए छात्रों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. NEET को फिर से आयोजित किया जाना चाहिए या नहीं, यह मामला विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करेगा, सभी को उसका पालन करना चाहिए और यह निर्णय आसान नहीं होने वाला है.'
कोचिंग इंडस्ट्री को 'माफिया' कहे जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कोटा स्थित कैरियर प्वाइंट के प्रबंध निदेशक प्रमोद माहेश्वरी ने कहा कि कोचिंग की आवश्यकता मजबूरी में नहीं बल्कि पसंद के तौर पर है और कोचिंग उद्योग ने कई बेहतरीन इंजीनियर, डॉक्टर, वकील और न्यायाधीश तैयार करने में मदद की है.
उन्होंने कहा, 'हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमें मान्यता दे और कोचिंग पार्कों के लिए भूमि आवंटित करे, ताकि छात्र अपनी इच्छानुसार कोई भी केंद्र चुन सकें और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिल सकें और भारत में कोटा जैसे कई और शैक्षणिक केंद्र बन सकें. हम यह भी अनुरोध करते हैं कि हमारे साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाए और हमें पारिस्थितिकी तंत्र का हिस्सा माना जाए.'
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