NCP नेता अजित पवार समर्थक विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे! महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़ी हलचल
AajTak
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश करने वालेअजित पवार ने आज (रविवार) अपने आवासपर समर्थक विधायकों के साथ बैठक की
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश करने वालेअजित पवार ने आज (रविवार) अपने आवासपर समर्थक विधायकों के साथ बैठक की और इसके बाद 18 विधायकों के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए हैं. बताया जाता है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में काम करने का अवसर नहीं दिए जाने के बाद अजित असंतुष्ट हैं.
बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले भी शामिल हुईं. हालांकि, सुले बैठक छोड़कर चली गईं. रविवार सुबह एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पुणे में मौजूद शरद पवार से फोन पर बातचीत की. राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, शरद पवार ने पुणे में रहने का फैसला किया है और कथित तौर पर अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
बैठक में सांसद सुप्रिया सुले ,अमोल कोल्हे, प्रफुल पटेल सहित ये विधायक शामिल थे-
दिलीप वळसे पाटील हसन मुश्रीफ छगन भुजबळ किरण लहमाटे निलेश लंके धनंजय मुंडे रामराजे निंबाळकर दौलत दरोडा मकरंद पाटील अनुल बेणके सुनिल टिंगरे अमोल मिटकरी अदिती तटकरे शेखर निकम निलय नाईक अशोक पवार अनिल पाटील
पवार ने की थी इस्तीफे की पेशकश इस सप्ताह की शुरुआत में, राकांपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उनके इस्तीफे के मामले पर चर्चा की और पार्टी नेताओं ने कहा कि अंतिम निर्णय दो महीने में लिए जाने की संभावना है. इससे पहले 25 जून को उनके चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि पार्टी अजित पवार की मांग पर फैसला लेगी. पवार उनके बीजेपी में शामिल होने की खबरों से इनकार कर चुके हैं.
राउत ने किया था ये दावा
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.