NCERT की क्लास 12 की किताबों से हटा गुजरात दंगों का टॉपिक
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एनसीईआरटी ने अपनी क्लास 12 की किताबों से गुजरात दंगों का पाठ्यक्रम निकाल दिया है. इस बारे में गुरुवार को एनसीईआरटी की वेबसाइट पर एक नोट जारी किया गया.
NCERT(नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) की ओर से 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है. इस नये संशोधन के बारे में गुरुवार को एनसीईआर की वेबसाइट पर नोट जारी किया है. इसके अनुसार NCERT ने 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की किताब से गुजरात दंगों का पाठ्यक्रम हटा दिया है. इसके अलावा नक्सली आंदोलन का इतिहास जैसे कई पाठ्यक्रम भी हटे हैं.
NCERT की तरफ से जारी नोट के अनुसार के 12वीं राजनीतिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में किए गए संशोधन के अनुसार पाठ्यसामग्री के इन गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है. उदाहरण, गुजरात की तरह, हमें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक भावनाओं का उपयोग करने में शामिल खतरों के प्रति सचेत करते हैं. यह लोकतांत्रिक राजनीति के लिए खतरा पैदा करता है, एक पैराग्राफ में ये कहा गया है जिसे हटा दिया गया है.
यहां देखें 12वीं के पाठ्यक्रम में संशोधन का पूरा विवरण
इसके साथ ही पाठ्यसामग्री से तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपेयी के इस बयान को भी हटाया गया है जिसमें मुख्यमंत्री (गुजरात के) को एक संदेश है कि उन्हें ‘राज धर्म’ का पालन करना चाहिए. एक शासक को जाति, पंथ और धर्म के आधार पर अपनी प्रजा के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए.
अभी तक यह पाठ्यसामग्री कक्षा 12वीं के राजनीतिक विज्ञान विषय की पुस्तक में 187 से 189 पेज पर दर्ज थी. बता दें कि NCERT ने कोरोना महामारी को देखते करीकुलम को घटाने की प्रक्रिया के 12वीं के पाठ्यक्रम में संशोधन किया गया है.
इसके अलावा 12वीं राजनीतिक विज्ञान की किताब से NCERT ने गुजरात दंगों के साथ ही अन्य विषयों को भी हटाने का फैसला लिया है. जिसमें नक्सली आंदोलन का इतिहास और आपातकाल के दौरान विवाद आदि विषय शामिल हैं. किताब में “नक्सली आंदोलन” के इतिहास पेज संख्या 105 और “आपातकाल के दौरान विवाद” पेज संख्या 113-117 में शामिल था. NCERT ने अपने नोट में कहा है कि कोरोना महामारी को देखते हुए छात्रों पर पड़ने वाले अतिरिक्त भार को कम करना अनिवार्य है. इसी उद्देश्य के साथ अप्रासंगिक विषयों को हटाया गया है.
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