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India Sugar Export: 'चीनी' पर पहरा जारी, अगले साल भी 'तौल कर' ही एक्सपोर्ट की इजाजत!
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सरकार पहले ही चालू सीजन में चीनी के निर्यात की मात्रा पर लिमिट लगा चुकी है. इससे पहले सरकार ने भारत से गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी थी. सरकार गेहूं से बने उत्पादों जैसे आटा के निर्यात पर भी पाबंदियों की तैयारी में है.
घरेलू बाजार (Domestic Market) में उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों (Sugar Prices) को नियंत्रित रखने के लिए भारत सरकार (GOI) अगले सीजन में भी चीनी के निर्यात पर पाबंदियां (Sugar Export Curbs) लगा सकती है. अगर ऐसा हुआ तो यह लगातार दूसरा सीजन होगा, जब भारत चीनी के निर्यात पर पाबंदियां (Sugar Export Ban) लगाएगा. सरकार से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
चीनी के निर्यात पर लग सकता है कैप
भारत दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. रॉयटर्स की ताजा रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि अक्टूबर 2022 से शुरू हो रहे नए सीजन में 6 से 7 मिलियन टन चीनी के निर्यात का कैप लगााया जा सकता है. यह चालू सीजन के निर्यात की तुलना में करीब एक-तिहाई कम होगा. भारत में चीनी का सीजन अक्टूबर से शुरू होकर अगले साल सितंबर तक चलता है.
इस सीजन में लग चुकी है पाबंदियां
हालांकि अभी अगले सीजन में चीनी के निर्यात पर पाबंदियों को लेकर सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है. सरकार पहले ही चालू सीजन में चीनी के निर्यात की मात्रा पर लिमिट लगा चुकी है. इससे पहले सरकार ने भारत से गेहूं के निर्यात पर पाबंदियां लगा दी थी. सरकार गेहूं से बने उत्पादों जैसे आटा के निर्यात पर भी पाबंदियों की तैयारी में है. रूस-यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई से पैदा हुए ग्लोबल फूड क्राइसिस के हालात ने कई देशों को खाने-पीने की चीजों के निर्यात को रोकने पर मजबूर किया है.
इन कारणों से बढ़ रहे चीनी के भाव
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