G20 Summit: खालिस्तानियों से ऐसा प्रेम! भारत के सामने नजरें चुराने को मजबूर हुए ट्रूडो?
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ट्रूडो का व्यवहार बाकी नेताओं से अलग दिखा. वो तस्वीर क्लिक होते ही, हाथ मिलाकर तुरंत आगे बढ़ गए. इस मुलाकात में गर्मजोशी तनिक भी नजर नहीं आई. आखिर क्या है वजह?
भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर के नेता नई दिल्ली पहुंचे हैं. सभी का स्वागत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस बीच जिस बात पर लोगों का ध्यान गया, वो था कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रू़डो का रुख. वो थोड़े उखड़े उखड़े नजर आए. जब वो भारत मंडपम पहुंचे तो पीएम मोदी ने मुस्कुराहट के साथ नमस्कार करते हुए उनका स्वागत किया. वो उनसे कुछ बोले भी. लेकिन ट्रूडो का व्यवहार बाकी नेताओं से अलग दिखा. वो तस्वीर क्लिक होते ही, हाथ मिलाकर तुरंत आगे बढ़ गए. इस मुलाकात में गर्मजोशी तनिक भी नजर नहीं आई.
ट्रूडो बेशक इस वक्त भारत में हैं, लेकिन अभी तक उनके ट्विटर पर एक भी तस्वीर पीएम मोदी के साथ नहीं दिख रही. उन्होंने ब्रिटिश पीएम समेत अन्य नेताओं के साथ मुलाकात की तस्वीर जरूर शेयर की हैं. इन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि वो कनाडा में खुशी खुशी रहकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले खालिस्तानियों को नाराज नहीं करना चाहते.
इसके साथ ही वो सोशल इवेंट में भी नहीं पहुंचे. कनाडा के पीएम ऑफिस की तरफ से एक बयान में कहा गया है, 'पीएम जस्टिन ट्रूडो ने शिखर सम्मेलन के पहले दिन सभी वर्किंग सेशंस में हिस्सा लिया. वो सोशल इवेंट में शामिल नहीं हुए. जी20 शिखर सम्मेलन (शेरपा) के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री के निजी प्रतिनिधि क्रिस्टोफर मैकलेनन ने उनका प्रतिनिधित्व किया.'
कनाडा में खालिस्तान बनाम हिंदुस्तान
कनाडा की सड़कों पर हम आए दिन खालिस्तान बनाम हिंदुस्तान का नजारा देखते हैं. खालिस्तानी आतंकी न केवल भारतीय दूतावास के बाहर पहुंचकर हुड़दंग मचाते हैं बल्कि हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाते हैं. ये भारत विरोधी नारे लगाते हैं. वहीं जब भारत कनाडा के सामने इस मुद्दे को उठाता है, तो भी ट्रूडो भारत को ही गलत ठहराने लगते हैं.
कनाडा में रहने वाला भारतीय समुदाय भी इससे काफी परेशान है. उसका कहना है कि खालिस्तान समर्थकों का विरोध प्रदर्शन कोई अभिव्यक्ति की आजादी नहीं बल्कि चरमपंथ को बढ़ावा है. ट्रूडो की सरकार इसके खिलाफ किसी तरह का कदम उठाती नहीं दिखती. यही कारण है कि भारत और कनाडा के रिश्तों में खालिस्तान का मुद्दा हमेशा तनाव का कारण बनता है.
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