Exclusive: चीन की विस्तारवादी ताकत को रोकने के लिए लोकतांत्रिक देश हों एकजुट: ताइवान के विदेश मंत्री
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ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने शनिवार को कहा कि चीन की कार्रवाई ताइवान तक सीमित नहीं है, उसकी महत्वाकांक्षाएं वैश्विक हैं. उसकी विस्तारवादी नीति को रोकने के लिए दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों को एकजुट होना चाहिए. आजतक को दिए इंटरव्यू में जोसेफ वू ने बताया कि जापान का ताइवान को समर्थन है और जापान का एक डेलीगेशन अगले सप्ताह ताइवान पहुंच रहा है.
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने शनिवार को कहा कि चीन की कार्रवाई ताइवान तक सीमित नहीं है, उसकी महत्वाकांक्षाएं वैश्विक हैं. चीन की विस्तारवादी ताकत को रोकने के लिए भारत समेत दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों को एकजुट होने की जरूरत है. चीन के साथ बढ़ते तनाव पर ताइपे में आजतक से बात करते हुए विदेश मंत्री वू ने कहा कि ताइवान और चीन के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं और कारण बहुत सरल है. चीन बहुत महत्वाकांक्षी है और उसका मकसद सिर्फ ताइवान नहीं है, ये वैश्विक है.
विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने इस समय ताइवान को निशाना बनाया, लेकिन पूर्वी चीन सागर में विवादित पानी को भी निशाना बनाया और दक्षिण चीन सागर में अपनी शक्ति का विस्तार कर रहा है. इससे भी आगे चीन ने प्रशांत महासागर में पहली आइलैंड चेन की ओर बढ़ रहे हैं. जोसेफ लू ने आजतक से इंटरव्यू में कहा कि चीन ने सोलोमन द्वीप के साथ सुरक्षा समझौता किया था और वो सोलोमन द्वीप से आगे दूसरे आइलैंड की ओर भी जाना चाहता है. दरअसल सोलोमन द्वीप ऑस्ट्रेलिया के लिए दरवाजे की तरह है, आप देख सकते हैं कि इससे ऑस्ट्रेलिया कितना नर्वस है.
प्रशांत क्षेत्र में ही खत्म नहीं होती चीन की महत्वाकांक्षा
दरअसल ताइवान के विदेश मंत्री इस बात पर जोर देते हैं कि चीन की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा वैश्विक है और सिर्फ प्रशांत क्षेत्र में ही खत्म नहीं होती है. मंत्री वू ने श्रीलंका का उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि हमारे भारतीय दोस्त इसे आश्चर्य के साथ देख रहे होंगे कि कैसे उसने एक देश को खत्म कर दिया और उसके बंदरगाह पर भी नियंत्रण कर लिया. उन्होंने आगे कहा कि चीन कंबोडिया में भी यही रणनीति अपना रहा है. उन्होंने कहा कि चीन अभी कंबोडिया के लिए वही काम कर रहा है और वह हिंद महासागर से आगे बढ़कर अफ्रीका की ओर बढ़ रहा है. मंत्री ने कहा कि जिबूती को देखिए और चीन की महत्वाकांक्षा यहीं तक सीमित नहीं है.
लोकतंत्र वाले देशों को एकजुट होने की जरूरत
मंत्री वू ने विस्तारवादी ताकतों पर लगाम लगाने के लिए लोकतंत्रों को एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा सत्तावाद के विस्तार को रोकने के लिए भारत समेत सभी लोकतांत्रिक देशों को एकजुट होना चाहिए. इसके लिए उन्होंने यूक्रेन का भी उदाहरण दिया. मंत्री वू ने ताइवान और जापान के बीच मजबूत संबंधों की भी बात की और ताइवान से हांगकांग और मकाऊ में फलों के निर्यात को प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर चीन को आड़े हाथों लिया.
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