Exclusive: अमेरिका चाहता है दुनिया पर राज करना, युद्ध का भी यही कारण, आजतक से बोले रूसी विदेश मंत्री
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आजतक से बात करते हुए रूस के विदेश मंत्री Sergey Lavrov ने कहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों की सोच की वजह से रूस और यूक्रेन के बीच ये युद्ध शुरू हुआ है. उनकी तरफ से यूरोप पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अब दो महीने हो गए हैं. जमीन पर स्थिति नहीं सुधरी है और दोनों तरफ से ताबड़तोड़ हमले जारी हैं. अब इन हमलों के बीच आजतक ने रूसी विदेश मंत्री Sergey Lavrov से खास बातचीत की है. उनकी तरफ से एक बार फिर अमेरिका और पश्चिमी देशों पर हमला बोला गया है.
रूस का अमेरिका पर हमला
आजतक से बात करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि वर्तमान में जो भी कुछ हो रहा है, असल में उसकी जड़ अमेरिका और पश्चिमी देशों की उस सोच से जुड़ी है जहां पर वे पूरी दुनिया पर अपना राज चाहते हैं. वे दिखाना चाहते हैं कि इस दुनिया पर सिर्फ उनका ही राज रहने वाला है. इसी सोच की वजह से ये लोग यूक्रेन को बॉर्डर पर रूस के खिलाफ भड़का रहे हैं. इन्होंने यूक्रेन को हथियारों से भर दिया है.
इस सब के अलावा रूसी विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद कई देशों ने अपने रवैये में बड़ा परिवर्तन लाया. जब सोवियत यूनियन खत्म हुआ, इन देशों ने अपना वादा तोड़ते हुए नेटो के प्रति अपना झुकाव बढ़ाया. वो कहते रहे कि ये रक्षात्मक गठबंधन है और रूस को इससे कोई खतरा नहीं होगा. उनके मुताबिक पश्चिमी देशों द्वारा हमेशा यूक्रेन को रूस के खिलाफ भड़काया गया है. साल 2003 में हुए राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस चुनाव के दौरान पश्चिमी देश खुलकर बोल रहे थे कि यूक्रेन को फैसला लेना चाहिए कि वो रूस का साथ देने वाला है या फिर यूरोप का. इसके बाद से ही यूक्रेन को European Union Association Agreement का हिस्सा बनाने का प्रयास किया गया और देखते ही देखते यूक्रेन का सामान यूरोपीय बाजार में और यूरोप का सामान यूक्रेन के बाजार में आने लगा. 'जीरो टैरिफ' वाली रणनीति के तहत ये सब किया गया.
यूरोप पर भी लगाया आरोप
Sergey Lavrov की माने तो रूस की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया था कि यूक्रेन का पहले से ही रूस संग एक समझौता चल रहा है जिसके जरिए फ्री ट्रेड को बढ़ावा दिया जाता है. उनके मुताबिक साल 2013 में यूक्रेन ने तब यूरोपीय संघ से कहा भी था कि वे अपने इस समझौते को कुछ समय के लिए पोस्टपोन कर देते हैं, लेकिन तब यूरोपीय संघ ने दो टूक कह दिया कि रूस का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है.
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