Covid-19 sub-variant JN.1: 41 देशों में फैलने के बाद भारत पहुंचे नए सब-वैरिएंट पर वैक्सीन कितनी प्रभावी? डॉ. गुलेरिया ने कही ये बात
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Covid sub-variant JN.1: 41 देशों में फैल चुका कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट का नया सब-वैरिएंट जेएन.1 भारत में भी दस्तक दे चुका है. देश में लगातार केस बढ़ रहे हैं. नए सब-वैरिएंट से सुरक्षा के लिए क्या वैक्सीन की बूस्टर डोज लेनी होगी? या पहली ली हुई खुराक ही काफी है? इस पर एक्सपर्ट की राय जानिए.
Covid sub-variant JN.1: स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में 656 कोविड-19 के मामले सामने आए हैं. इससे एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 3742 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही राज्यों को RT-PCR टेस्टिंग बढ़ाने और इंफ्लूएंजा जैसी बीमारियों पर निगरानी रखने की सलाह दी है. पिछले कुछ हफ्तों में सब-वैरिएंट जेएन.1 के कारण कोरोना के मामलों में उछाल आया है. अगर भारत की बात करें तो इस खतरनाक सब-वैरिएंट जेएन.1 के मरीजों की संख्या 63 पहुंच गई है. सबसे अधिक मामले गोवा में 34, कर्नाटक में 8, केरल में 6, तमिलनाडु में 4 और तेलंगाना से 2 मामले सामने आए हैं. जेएन.1 यह ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2.86 से बना है और BA.2.86 वही वैरिएंट है जो 2022 की शुरुआत में दुनियाभर में तेजी से फैला था.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वैरिएंट में एक अतिरिक्त म्यूटेशन है जिसके कारण यह तेजी से फैल रहा है और यह आसानी से इम्यूनिटी को चकमा देते हुए संक्रमित कर सकता है. अब ऐसे में त्योहार और नए साल पर भीड़-भाड़ के कारण वायरस फैलने का खतरा और बढ़ सकता है. हर किसी के मन में सवाल है कि क्या नए वैरिएंट के लिए वैक्सीनेशन की फिर से जरूरत होगी या फिर पहले जो वैक्सीन लगी हुई है, वो भी नए वैरिएंट पर प्रभावी रहेगी? इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है, यह जान लीजिए.
वैक्सीन पर क्या है एक्सपर्ट की राय
सीनियर हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जेएन.1 सब-वैरिएंट के सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राज्यों को कोविड-19 मामलों में किसी भी संभावित उछाल के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि वैक्सीन की बूस्टर डोज पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है.
एम्स के पूर्व डायरेक्टर और सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, 'नया कोविड-19 का सब-वैरिएंट जेएन.1 तेजी से फैल रहा है लेकिन इसके कारण मरीजों की स्थिति गंभीर नहीं हो रही है और ना ही हॉस्पिटलाइजेशन बढ़ा है. यह अधिक संक्रामक है और यह अधिक तेजी से फैल रहा है. यह धीरे-धीरे एक मुख्य वैरिएंट बनता जा रहा है. यह अधिक संक्रमण का कारण बन रहा है लेकिन डेटा यह भी बताता है कि यह गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है.'
नई वैक्सीन पर डॉ. गुलेरिया ने कहा, '...हमें एक ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो वायरस के किसी भी वैरिएंट पर काम कर सके और सुरक्षा दे पाए. जेएन.1 ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट है जिसमें म्यूटेशन हुए हैं इसलिए ओमीक्रॉन के खिलाफ बनाई गई वैक्सीन इस वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होगी.'
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