China U-Turn: 'अब सबकी सुनेंगे...' चीन के ठंडे पड़े तेवर, बर्बादी से बचने के लिए फटाफट करने लगा ये काम!
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China Economy पर संकट और शेयर बाजार में गिरावट के बीच चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन (CSRC) अब हरकत में आ गया है और बीते 2 दिनों तक देशभर में रिटेल और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स, लिस्टेड कंपनियों और विदेशी संस्थाओं के साथ सेमिनार आयोजित किए गए हैं.
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन (China) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. बैंकिंग से लेकर रियल एस्टेट क्राइसिस झेलने वाले देश में शेयर बाजार (China Share Market) भी बीते 3 सालों से घाटे में कारोबार कर रहा है. कैपिटल मार्केट का चीनी इकोनॉमी (China Economy) पर बड़ा प्रभाव है और अब जाकर ये बात ड्रैगन को समझ में आई है. यही कारण है कि चीन के शेयर मार्केट रेग्युलेटर (Market Regulator) ने आलोचनाओं को स्वीकारने और मार्केट में उसके भागीदारों की ओर से मिले सुझावों पर ध्यान देता और उचित कदम उठाएगा.
तीन साल से लगातार घाटे में चीनी बाजार China इस मामले में किसी की सुनने को तैयार नहीं था और अपना अड़ियल रवैया बनाए हुए था. वहीं अब साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट पर छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की ओर से करीब 3 सालों बाद ये नरम रुख दिखाया गया है, तब जबकि इस अवधि में चीनी स्टॉक मार्केट लगातार घाटा झेल रहा है. ये ऐसा समय है, जबकि शीर्ष नेतृत्व पर शेयर मार्केट में निवेशकों का भरोसा फिर से जगाने का दबाव बढ़ गया है. शेयर एक्सपर्ट्स का सुझाव मानने और आलोचनाओं को मानने को लेकर दिया गया चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन का बयान इसी दबाव को प्रदर्शित कर रहा है.
संकट बढ़ा, तो निकल गई हेकड़ी China Stock Market करीब 8.6 अरब डॉलर का है और ये पिछले तीन साल से लगातार घाटे में है. ये एक बड़ा कारण है कि अब चीन के मार्केट रेग्यूलेटर ने कहा कि वह आलोचनाओं को सुनने के लिए तैयार है, इसके साथ ही कमियों को दूर करने के लिए मार्केट भागीदारों के सुझावों पर भी अमल करेगा. बीते सालों में मार्केट का सेंटीमेंट कई कारणों से खराब हुआ है. इसमें बैंकिंग से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर में क्राइसिस के अलावा China Economy में गिरावट शामिल है. सरकार की तमाम कोशिशें भी इस सही ट्रैक पर लाने में नाकामयाब साबित हुई हैं. इसका ताजा उदाहरण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या China FDI में आई जोरदार गिरावट है.
कैपिटल मार्केट का इकोनॉमी पर बड़ा असर China Economy पर संकट के बीच चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन (CSRC) अब हरकत में आ गया है और बीते 2 दिनों तक देशभर में रिटेल और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स, लिस्टेड कंपनियों और विदेशी संस्थाओं के साथ सेमिनार आयोजित किए गए, जिनमें उनकी राय जानी गई. सीएसआरसी ने एक बयान में कहा है कि कैपिटल मार्केट का इकोनॉमी पर व्यापक असर होता है और स्थिति जितनी अधिक जटिल व गंभीर होगी, हमें इससे संबंधित सलाहों को मानना और आलोचनाओं पर ध्यान देने के लिए अधिक खुला होना होगा. CSRC के नए चेयरमैन वू किंग का कहना है कि आयोग सभी पक्षों की राय, सुझावों और आलोचना को गंभीरता से लेगा, जिससे कि चिंताओं का तत्काल समाधान किया जा सके.
चीन की बिगड़ी सूरत का उदाहरण है FDI Data चीन की अर्थव्यवस्था की बिगड़ी सूरत का सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में देश के एफडीआई डाटा के रूप में देखने को मिला है, जो आंकड़े सामने आए हैं, उसे देखकर ये आशंका लगाई जाने लगी है कि क्या मंदी चीन में भी दस्तक तो नहीं दे रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (China FDI) का आंकड़ा 30 सालों में सबसे खराब रहा है. बीते साल 2023 में देश को मिलने वाला विदेशी निवेश महज 33 अरब डॉलर रहा है, जो कि साल 2022 की तुलना में 82 फीसदी कम है.
चीन के स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज के आंकड़ों के हवाले से इसमें कहा गया है कि 2023 के दौरान चीन के बैलेंस ऑफ पेमेंट्स में डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट लायबलिटीज 33 अरब डॉलर पर आ गया. यह आंकड़ा साल 1993 के बाद सबसे कम है. China में एफडीआई घटने से इस बात का अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि अब ज्यादातर बाहरी कंपनियां चीन से दूरी बना रही हैं.