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दिल्ली में वैश्य मुख्यमंत्री से जागी उम्मीद, 50 सीटीआई ने पत्र लिखकर की ये मांग!
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दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों को नई उम्मीदें मिली हैं यही वजह है कि सीटीआई ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर राजधानी में विकास की उम्मीद कर रहे हैं.
रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली के व्यापारियों में खुशी की लहर है. कारोबारी वर्ग से दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद 50 CTI ने अपनी मांगे रखी हैं. उनका कहना है कि लंबे समय तक ये काम अधूरे हैं और अब जब वैश्य समाज से कोई मुख्यमंत्री बना है तो इस मांगों के पूरा होने की उम्मीद है. दिल्ली में 9 लाख दुकानदारों और 2 लाख फैक्ट्री मालिकों को मिलाकर 20 लाख व्यापारी हैं.
वैश्य समुदाय की रेखा गुप्ता को CM बनाकर BJP ने परम्परागत वोटर रहे लेकिन भाजपा से दूर जा रहे बनिया समुदाय को अपने पाले में करने में कामयाबी हासिल की है. दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने के बाद व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों को नई उम्मीदें मिली हैं यही वजह है कि सीटीआई ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर विकास की उम्मीद कर रहे हैं.
पत्र में लिखा है कि पिछली सरकार में महंगी बिजली और ज्यादा मजदूरी के कारण 50 हजार फैक्ट्री मालिक दिल्ली छोड़ चुके हैं. दिल्ली में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि आज सीटीआई ने दिल्ली की नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर ही उम्मीद जताई है कि आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान ट्रेड एंड इंडस्ट्री और व्यापारियों के जो भी अधूरे कार्य रह गए थे वो अब पूरे हो सकेंगे.
बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली विधानसभा के चुनाव में व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों का 90% वोट बीजेपी को गया है इसलिए अब व्यापारियों की बीजेपी की सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं. दिल्ली के कारोबारियों और उद्यमियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों पर विश्वास किया है. अब डबल इंजन की सरकार बनेगी और गंभीरता से काम होगा, तो राष्ट्रीय राजधानी में विकास होगा. बाजारों और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास काम में अड़चन नहीं आएगी.
दिल्ली छोड़कर जा रहीं फैक्ट्रियां पिछली सरकार के शासन के दौरान दिल्ली में फैक्ट्रियों में नोएडा, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, ट्रोनिका सिटी, सोनीपत की तुलना में 2 गुना बिजली के रेट हो गए थे. इसके अलावा न्यूनतम मजदूरी भी 20 हजार कर दी गई जबकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में 9 हजार के लगभग न्यूनतम मजदूरी है, जिस कारण पिछले 6 साल में 50 हजार फैक्ट्रियों दिल्ली छोड़कर पड़ौसी राज्यों में शिफ्ट हो गई हैं.
व्यापारियों की क्या हैं मांगे CTI के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और महासचिव गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान 5 बाजारों खारी बावली, कीर्ति नगर, सरोजनी नगर , कमला नगर, लाजपत नगर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी इसके अलावा गांधी नगर बाजार के लिए अलग से 100 करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी. शॉपिंग फेस्टिवल कागजों में रह गया, दिल्ली बाजार पोर्टल पर काम नहीं हुआ. इंडस्ट्रियल फ्री होल्ड नहीं हो पाए. फैक्ट्री मालिकों को महंगी बिजली बिल चुकाना पड़ा है.
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