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Champions Trophy 2013: धोनी का दिमाग, धवन का जोश और जडेजा की तलवार... चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत के 'गोल्डन पंच' की यादगार कहानी
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भारत के लिए चैम्पियंस ट्रॉफी का टूर्नामेंट खास रहा है. भारत दो बार इसका विजेता रहा है. लेकिन साल 2013 की जीत का स्वाद कुछ अलग था. उस दौरान टीम की सेलेक्शन पर सवाल उठे थे, कप्तान से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीखे सवाल किए गए थे. सभी को लग रहा था कि एक युवा टीम चैम्पियंस ट्रॉफी जितना बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत सकती. लेकिन उस टीम ने सभी को गलत साबित किया. आज हम उसी चैम्पियंस ट्रॉफी की पूरी कहानी जानेंगे.
क्रिकेट के फैंस जिस पल का इतनी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, वो घड़ी आ चुकी है. वर्ल्ड क्रिकेट में 8 साल बाद चैम्पियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट की वापसी हुई है. पाकिस्तान में करीब 20 दिनों तक खेला जाने वाला ये टूर्नामेंट हर मायने में खास है. इससे पहले पाकिस्तान ने 1996 में भारत और श्रीलंका के साथ वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी. यह आईसीसी टूर्नामेंट 'हाइब्रिड मॉडल' के तहत खेला जा रहा है, जिसमें भारत अपने सारे मैच दुबई में खेलेगा. यानी भारत फाइनल में पहुंचता है, तो मेजबान होने के नाते पाकिस्तान में इसका फाइनल नहीं खेला जाएगा.
क्या है चैम्पियंस ट्रोफी का इतिहास? भारत के लिए रहा सफल टूर्नामेंट
चैम्पियंस ट्रॉफी का इतिहास काफी पुराना है. ये टूर्नामेंट पहली बार 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के नाम से शुरू हुआ था. इसका नाम 2002 में आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी रखा गया. इस टूर्नामेंट सिर्फ 8 टीमें हिस्सा ले रही हैं. 2023 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप की टॉप-8 टीमें चैम्पियंस ट्रॉफी का हिस्सा बनी हैं. यानी ऑस्ट्रेलिया, भारत, न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, बांग्लादेश, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका की टीमें इस टूर्नामेंट में खेल रही है..
2013 का चैम्पियंस ट्रॉफी भारत के लिए बेहद खास माना जा सकता है. तब भारतीय युवा टीम नई प्लेइंग कॉम्बिनेशन के साथ उतरी थी. उस साल टीम इंडिया ने वो कारनामा कर दिखाया, जो बाकी टीमें अपने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ भी नहीं कर पाई थीं. उस टूर्नामेंट की बदौलत भारत को कई ऐसे प्लेयर भी मिले, जिन्होंने आगे जाकर भारतीय टीम को संवारा.
गौतम गंभीर और युवराज सिंह को नहीं मिली थी टीम में जगह
2013 में भारत के लिए कई दिग्गज प्लेयर्स खेला करते थे. उस वक्त वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर (मौजूदा समय में भारत के हेड कोच), युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान जैसे प्लेयर्स भारतीय कैंप का हिस्सा थे. लेकिन उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक यंग टीम की तलाश थी, जो उन्हें बड़े-बड़े मैच जिताने में सक्षम हो. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद टेस्ट के बाद सहवाग टीम में कभी वापस नहीं आ पाए. युवराज सिंह और गौतम गंभीर अपनी फॉर्म तलाश रहे थे. हरभजन सिंह भी कुछ खास लय में नहीं थे. ऐसे में धोनी ने एक नई टीम बनाई.
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India vs Bangladesh Match Preview: आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में आज दूसरा मैच खेला जाएगा. इस दूसरे मैच में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम उतरेगी. उसकी टक्कर बांग्लादेश से होगी. चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में यह दोनों टीमों का अपना पहला मैच होगा. यह मुकाबला दुबई में भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे से शुरू होगा.
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भारत के लिए चैम्पियंस ट्रॉफी का टूर्नामेंट खास रहा है. भारत दो बार इसका विजेता रहा है. लेकिन साल 2013 की जीत का स्वाद कुछ अलग था. उस दौरान टीम की सेलेक्शन पर सवाल उठे थे, कप्तान से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीखे सवाल किए गए थे. सभी को लग रहा था कि एक युवा टीम चैम्पियंस ट्रॉफी जितना बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत सकती. लेकिन उस टीम ने सभी को गलत साबित किया. आज हम उसी चैम्पियंस ट्रॉफी की पूरी कहानी जानेंगे.