
Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में करते हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ? इन 6 नियमों का जरूर करें पालन
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Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन करने का विधान है. वहीं नवरात्रि में यदि दुर्गा सप्तशती का पाठ करें तो विशेष फल मिलता है. दुर्गा सप्तशती पाठ विधि-विधान और नियम के साथ किया जाना आवश्यक है.
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का त्योहार शुरू होने में कुछ ही दिन बाकी हैं. नवरात्रि का त्योहार 9 दिनों तक मनाया जाता है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. यूं तो मां दुर्गा की रोजाना पूजा करना शुभ माना जाता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. नवरात्रि के दौरान बहुत से लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं. ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है.
दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय होते हैं. इन 13 अध्याय को नवरात्रि के दौरान काफी नियम से पढ़ा जाता है. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से कई परेशानियों का अंत होता है. गृह कलेश या धन संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं. लेकिन आपको बता दें कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के कुछ नियम भी होते हैं जिनके बारे में पता होना बेहद जरूरी होता है-
दुर्गा सप्तशती के नियम (Shri Durga Saptashati Ke Niyam )-
पहला नियम- दुर्गा सप्तशती पुस्तक को कभी भी हाथ में लेकर पाठ ना करें. शास्त्रों में पुस्तक को कभी भी हाथ में लेकर पाठ नहीं करना चाहिए. पुस्तक को या तो व्यासपीठ में रखकर पाठ करें या फिर लाल रंग के कपड़े के ऊपर रखकर पाठ करें.
दूसरा नियम- दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय आपको विराम नहीं लेना चाहिए. जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें तो बीच में रुकना नहीं चाहिए. आप एक अध्याय समाप्त होने के बाद 10 से 15 सेकेंड का विराम ले सकते हैं.
तीसरा नियम- दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इस बाद का ख्याल रखें कि आपकी गति ना तो बहुत ज्यादा तेज होनी चाहिए और ना ही बहुत ज्यादा धीरे. मध्यम गति में आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. पाठ करते समय शब्द बिल्कुल स्पष्ठ सुनाई दे.

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