Bharat Arun: निचले क्रम का बल्लेबाज, जिसके कोच बनते ही भारतीय बॉलिंग का डंका बजने लगा
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विजयवाड़ा में पैदा हुए भरत अरुण भी भारत के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं. तब के आंध्र प्रदेश में पैदा हुए भरत अरुण ने अपना शुरुआती क्रिकेट तमिलनाडु के लिए खेला. मीडियम पेस बॉलिंग करने वाला एक बॉलर जो निचले क्रम में धुआंधार बल्लेबाजी भी कर लेता था, 20 साल की उम्र में तमिलनाडु के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलने लगा.
भारत के क्रिकेट इतिहास को अगर खंगालेंगे तो पाएंगे कि अपने देश से हमेशा शानदार बल्लेबाज ही निकले हैं. सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ जैसे पुराने बड़े नाम हो या फिर सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे मौजूदा नाम है, हर पीढ़ी में दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में भारत के खिलाड़ियों का नाम शामिल रहा. लेकिन एक कमी रही वो थी तेज गेंदबाजों की, कपिल देव जैसे अपवाद को छोड़ दें तो बहुत कम ही ऐसे नाम हैं जिन्होंने फास्ट बॉलिंग की दुनिया में तहलका मचाया हो.
लेकिन अगर इतिहास के पीछे ना जाकर वर्तमान में झाकेंगे तो पिछले चार-पांच साल में ये सबकुछ पूरी तरह से बदल गया है. टेस्ट क्रिकेट में पिछले पांच साल में भारतीय टीम की बॉलिंग ने दुनियाभर में तहलका मचाया है. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, ईशांत शर्मा, उमेश यादव समेत कई ऐसे नाम हैं, जिन्होंने भारतीय टेस्ट टीम की बॉलिंग की पूरी तरह से बदल दिया है. लेकिन इन खिलाड़ियों की मेहनत के पीछे एक शख्स का हाथ है, जिसका नाम है भरत अरुण. भरत अरुण का 14 दिसंबर को जन्मदिन होता है.
विजयवाड़ा में पैदा हुए भरत अरुण भी भारत के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं. तब के आंध्र प्रदेश में पैदा हुए भरत अरुण ने अपना शुरुआती क्रिकेट तमिलनाडु के लिए खेला. मीडियम पेस बॉलिंग करने वाला एक बॉलर जो निचले क्रम में धुआंधार बल्लेबाजी भी कर लेता था, 20 साल की उम्र में तमिलनाडु के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलने लगा. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भरत अरुण का रिकॉर्ड बेहतरीन रहा, साल 1986-87 के सीजन में वह रणजी ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा भी थे.