99 साल की उम्र में अमेरिका की नागरिक बनीं ये भारतीय महिला, फिर भी क्यों नाराजगी जता रहे भारतीय?
AajTak
99 साल की दाईबाई आखिरकार अमेरिकी नागरिक बन ही गईं. 1925 में जन्मीं दाईबाई को अमेरिका की नागरिकता मिल गई है. हालांकि, इतनी उम्र बीत जाने पर नागरिकता मिलने पर कई भारतीयों ने नाराजगी भी जाहिर की है.
अमेरिका में 99 साल की एक भारतीय महिला को वहां की नागरिकता आखिरकार मिल ही गई. महिला का नाम दाईबाई है, जो ऑरलैंडो में अपनी बेटी के साथ रहती हैं.
अमेरिका के सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस (USCIS) ने उनकी तस्वीर X पर साझा करते हुए लिखा कि उम्र सिर्फ एक संख्या है. USCIS ने लिखा कि दाईबाई भारत से हैं और अब अमेरिका की नई नागरिक बन गई हैं.
USCIS ने उनकी जो तस्वीर साझा की है, उसमें वो व्हीलचेयर पर बैठकर सिटीजनशिप का सर्टिफिकेट दिखा रही हैं. उनके साथ में उनकी बेटी और निष्ठा की शपथ दिलाने वाले अमेरिकी अधिकारी भी मौजूद हैं.
USCIS ने दाईबाई को अमेरिकी नागरिक बनने पर बधाई दी है. लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर नई बहस भी शुरू हो गई है. कुछ लोग इसका स्वागत कर रहे हैं, तो कुछ भारतीय ऐसे भी हैं जो नाराजगी भी जता रहे हैं.
सोशल मीडिया पर एक भारतीय यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा कि दाईबाई ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रही थीं, हर तीन साल में अपना H-1B वीजा रिन्यू कराती थीं और अब रिटायर हो रहीं हैं.
एक दूसरे भारतीय यूजर ने लिखा कि हाई स्किल्ड भारतीय प्रवासियों को अमेरिका का स्थायी निवासी बनने के लिए दो जन्म लेने पड़ते हैं. ये उन लाखों टैलेंटेड लोगों की दुखद स्थिति है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है? क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है? क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को लग रहा है कि ईरान में सरकार बदलने के बाद पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा. देखें वीडियो.
क्या इजरायल के निशाने पर पाकिस्तान है. क्या पाकिस्तान के एटमी हथियारों को इजरायल तबाह करने का प्लान बना रहा है. क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी बैन के पीछे इजरायल है? हमारा पड़ोसी देश भारत के अलावा अब इजरायल के खौफ में जीने को मजबूर है. पाकिस्तान को ऐसा क्यों लग रहा है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को निशाना बनाया जाएगा? देखें.
हिंसक प्रदर्शनों के बीच अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई, और उन्होंने भारत में शरण ली. फिलहाल बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार है, जो देश पर हसीना को लौटाने का दबाव बना रही है. हाल में एक बार फिर वहां के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक नोट भेजते हुए पूर्व पीएम की वापसी की मांग की. भारत के पास अब क्या विकल्प हैं?