'72 हूरें की स्क्रिप्ट सुन हाथ खड़े कर लेते थे बड़े प्रोडक्शन हाउस', डायरेक्टर संजय सिंह का खुलासा
AajTak
72 हूरें अपनी रिलीज के पहले से ही चर्चा का विषय बना हुआ. फिल्म का ट्रेलर जब आया, तो पहला सवाल यही था कि जब फिल्म 2019 में बनकर तैयार थी, तो उसे रिलीज में इतना वक्त क्यों लगा.
72 हूरें अपने सिनेमा रिलीज के पहले ही लगातार चर्चा में हैं. फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीत चुके डायरेक्टर संजय पूरन सिंह बताते हैं कि फिल्म की रिलीज को लेकर उन्हें कई तरह के पापड़ बेलने पड़े हैं. इतना ही नहीं इस फिल्म की वजह से उनके बाकी प्रोजेक्ट्स भी हाथों से छूट गए हैं.
रिलीज का कंट्रोल मेरे हाथ में नहीं फिल्म तो दो साल पहले नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी है. लेकिन अब जाकर रिलीज करने की वजह पर संजय बताते हैं, देखिए, हर चीज का एक वक्त होता है. बहुत सारी ऐसी चीजें भी होती हैं, जो आपके नियंत्रण में नहीं होती हैं. उसमें से एक फिल्म का रिलीज होना है. देखो, फिल्म बना लेना ही अपने आपमें एक बहुत बड़ा चैलेंज होता है. उसके बाद रिलीज करवाने का पैटर्न होता है. चूंकि यह एक सीरियस सब्जेक्ट पर फिल्म है, तो अमूमन यही होता है कि आपको इसके लिए ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है. मैं कई स्टूडियोज गया लेकिन किसी ने भी इसके सब्जेक्ट की वजह से साथ नहीं दिया था. इसी बीच कोविड आ गया, जिसने भी बहुत वक्त ले लिया था. थिएटर्स भी सीमित मात्रा में खुल रही थी. बहुत सी वजहें थीं, जिसके कारण फिल्म लेट होती चली गई थी. वैसी भी मैं एक महज डायरेक्टर हूं, रिलीज वगैरह की चीजें प्रोड्यूसर की जिम्मेदारी होती है. यह सब मेरे हाथ में नहीं होता है.
कईयों ने कहा फिल्म रिलीज मत करना
इस कहानी को लेकर बड़े प्रोडक्शन हाउसेस का क्या रवैया था? इसके जवाब में संजय कहते हैं, उन्होंने मेरी फिल्म की कहानी सुनकर ही पैसे लगाने से मना कर दिया था. इनफैक्ट किसी एक ने तो कहा कि ये फिल्म रिलीज ही मत करो. पैसे बर्बाद हो जाएंगे. इतना ही नहीं हुआ, मैं किसी बड़ी फिल्म में बतौर राइटर जुड़ा था. वहां भी मेरी इस फिल्म की वजह से उन्हें थोड़ा इश्यू है, वो कहते हैं कि आप ऐसी फिल्म बना चुके हैं, हम नहीं चाहते हैं कि आपकी इस कंट्रोवर्सी की वजह हमारी फिल्म दिक्कत आए. मुझे उस फिल्म से निकाल दिया गया. कई बार सच कहने पर आपको उसकी कीमत तो अदा करनी ही पड़ती है. कई सारी प्रोजेक्ट्स से हाथ गंवाना पड़ा था.