700 रुपये लेकर घर से निकले थे मनोज मुंतशिर, ऐसा रहा अमेठी से मुंबई तक का सफर
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मनोज ने अपने पिता से कहा था- 300 रुपये चाहिए, मुंबई की ट्रेन का टिकट लेना है और राइटर बनने के अपने सपने को पूरा करना है. उन्होंने मुझे 700 रुपये दिए, वो इस चीज को लेकर श्योर थे कि मैं फेल हो जाऊंगा और वापस आना चाहूंगा. अब मुंबई मेरा घर है.
बॉलीवुड के पॉपुलर गीतकार मनोज मुंतशिर अपनी एक कविता 'मुझे कॉल करना' को लेकर ट्रोल हो रहे हैं. मनोज पर आरोप हैं कि उन्होंने रॉबर्ट जे लेवरी की बुक Love lost: Love found (2007) की कविता कॉल मी का हिंदी अनुवाद कर अपनी किताब में 'मेरी फितरत है मस्ताना' में छापा है. मनोज ने इस मसले पर ट्वीट कर लिखा- 200 पन्नों की किताब और 400 फिल्मी- ग़ैर फिल्मी गाने मिलाकर सिर्फ 4 लाइनें ढूंढ पाए? इतना आलस? और लाइनें ढूंढो, मेरी भी और बाक़ी राइटर्स की भी. फिर एक साथ फ़ुरसत से जवाब दूंगा. शुभ रात्रि!
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