6 वकील, 3 MBA, एक CA, एक एक्टर... जानिए मोदी कैबिनेट में किन-किन प्रोफेशन से जुड़े लोग हुए शामिल
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पीएम मोदी ने रविवार को रिकॉर्ड लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. कैबिनेट में 33 ऐसे मंत्री हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं. इस बार सात महिलाओं को कैबिनेट में शामिल किया गया है. वहीं, छह मंत्री ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इनमें शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और एचडी कुमारस्वामी जैसे नाम शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने पूरे कैबिनेट के साथ शपथ ली. पीएम मोदी की 72 मंत्रियों की परिषद में 30 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है. इन 30 में से छह मंत्री वकील हैं जबकि तीन मंत्रियों के पास एबीए की डिग्री हैं. वहीं, 10 मंत्री पोस्ट ग्रैजुएट हैं.
प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह के पास भी मास्टर्स की डिग्री है. कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल, भूपेंद्र यादव और किरण रिजिजू ऐसे छह मंत्री हैं, जिनके पास लॉ की डिग्री है.
ऐसे मंत्री जिनके पास पोस्ट ग्रैजुएट की डिग्री है, उनमें राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, धर्मेंद्र प्रधान, डॉ. वीरेंद्र कुमार, मनसुख मांडविया, हरदीप सिंह पुरी, अन्नपूर्णा देवी और गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं. वहीं, मनोहर लाल खट्टर, एच डी कुमारस्वामी, जीतनराम मांझी, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, प्रह्लाद जोशी और गिरिराज सिंह ऐसे मंत्री हैं, जो ग्रैजुएट हैं.
बता दें कि पीएम मोदी ने रविवार को रिकॉर्ड लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. कैबिनेट में 33 ऐसे मंत्री हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं. इस बार सात महिलाओं को कैबिनेट में शामिल किया गया है. वहीं, छह मंत्री ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इनमें शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और एचडी कुमारस्वामी जैसे नाम शामिल हैं. इसके साथ ही कैबिनेट में शामिल नए चेहरों में सुरेश गोपी भी हैं, जो केरल से चुने गए बीजेपी के अकेले सांसद हैं.
आठ मंत्री ब्राह्मण, दो यादव मंत्री
मोदी सरकार 3.0 में मंत्रिमंडल के जरिए बीजेपी ने जातीय गणित भी साधा है. बीजेपी का कोर वोटर माने जाने वाले सामान्य वर्ग से 28 मंत्री बनाए गए हैं. जातीय आधार पर देखें तो आठ ब्राह्मणों और तीन राजपूत नेताओं को मंत्री बनाया गया है. भूमिहार, यादव, जाट, कुर्मी, मराठा, वोक्कालिगा वर्ग से मोदी सरकार में दो-दो मंत्री हैं. दो मंत्री सिख समुदाय से भी हैं जिनमें जाट और पंजाबी खत्री शामिल हैं. कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समाज के साथ ही निषाद, लोध जाति और महादलित वर्ग से भी एक चेहरे को मंत्री बनाया गया है. पश्चिम बंगाल के प्रभावशाली मतुआ समाज के साथ ही अहीर, गुर्जर, खटिक, बनिया वर्ग से भी एक-एक नेता मंत्रिमंडल में जगह बनाने में सफल रहे हैं.
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