
2023 में 162 सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें क्यों खास रहने वाला है साल का पहला दिन
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ज्योतिषाचार्य गिरीश व्यास के मुताबिक, साल 2023 की शुरुआत में तीन अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन मकर राशि में शनि, बुध और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग रहेगा. दूसरा, अश्विनी कुल 27 नक्षत्रों में पहला नक्षत्र है. तीसरा, साल का पहला दिन रविवार है, जिसके स्वामी स्वयं सूर्यदेव हैं.
नए साल 2023 का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव योग और अश्विनी नक्षत्र के साथ होने जा रही है. ज्योतिषाचार्य गिरीश व्यास के मुताबिक, साल 2023 की शुरुआत में तीन अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन मकर राशि में शनि, बुध और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग रहेगा. दूसरा, अश्विनी कुल 27 नक्षत्रों में पहला नक्षत्र है. तीसरा, साल का पहला दिन रविवार है, जिसके स्वामी स्वयं सूर्यदेव हैं. ग्रहों और नक्षत्रों की ऐसी स्थिति साल की शुरुआत में लोगों को ऊर्जावान बनाने का काम करेगी.
नया साल 2023 क्यों है खास? हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में कुल 162 सर्वार्थ सिद्धि योग होंगे. इसके अलावा, 143 रवि योग, 33 अमृत सिद्धि योग का भी संयोग बनेगा. साल 2023 में 14 पुष्य योग (नक्षत्र) होंगे. पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत ही शुभ होता है. मार्च और दिसंबर के महीने में दो बार पुष्य योग बनेगा. नए साल में सर्वार्थ सिद्धि योग सबसे ज्यादा जनवरी में 16 बार बनेगा. इसके अलावा, सबसे ज्यादा रवि योग मार्च, अप्रैल, जुलाई और दिसंबर में 14-14 बार बनेंगे. वहीं, सर्वाधिक अमृत सिद्धि योग अप्रैल में छह बार रहेगा.
कैसी रहेगी शनि-गुरु की स्थिति साल 2023 में न्याय देव शनि 17 जनवरी को कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे और पूरे साल इसी राशि में रहेंगे. वहीं, देव गुरु बृहस्पति 21 अप्रैल तक स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे. इसके बाद पूरे साल मेष राशि में रहेंगे. 29 जून 2023 से लेकर 23 नवंबर 2023 तक चातुर्मास रहेगा, जिसमें शादी-विवाह के कार्यक्रम वर्जित होंगे.
क्यों खास है साल 2023 का पहला दिन? नए साल 2023 की पहली तारीख को कई विशेष संयोग बन रहे हैं. नक्षत्रों के क्रम में पहले नक्षत्र अश्विनी के साथ साल की शुरुआत हो रही है. राशियों के क्रम में पहली राशि मेष और वारों के क्रम में पहला वार रविवार भी रहेगा. ऐसे में साल की शुरुआत संपन्नता, उन्नति और खुशहाली का संकेत भी दे रही है. सूर्य के प्रभाव से भारत टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपना परचम लहरा सकता है.
स्वराशि में शनि और गुरु विराजमान ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 1 जनवरी 2023 को न्याय देव शनि और देव गुरु बृहस्पति अपनी-अपनी राशि में रहने वाले हैं. साल की शुरुआत में शनि स्वराशि मकर में होंगे. इनके साथ मित्र ग्रह शुक्र और बुध की युति से त्रिग्रही योग बनेगा. यानी मकर राशि के जातकों को मैनेजमेंट, धन, भौतिक भोग विलास से संबंधित वस्तुओं का लाभ मिल सकता है. इसके साथ ही बृहस्पति स्वराशि मीन में होंगे. ज्योतिषियों की मानें तो जब भी कोई ग्रह अपनी राशि या घर में बैठा होता है तो हमेशा शुभ परिणाम ही देता है.

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