2017 में सैफुल्ला तो 2021 में मिनहाज-नसीरुद्दीन.... काकोरी क्यों बन रहा है आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना
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बीते कई सालों से काकोरी का नाम आतंकी घटनाओं और आतंकियों की पनाहगाह के तौर पर सामने आने लगा है. आखिर क्यों काकोरी और उसके आसपास का इलाका आईएसआईएस और अलकायदा जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों का ठिकाना बनता जा रहा है?
नवाबों के शहर लखनऊ से सटा काकोरी एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. 94 साल पहले इसी काकोरी इलाके में अंग्रेजी हुकूमत से लड़ने के लिए क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना लेकर जा रही ट्रेन को लूटने का काम किया था. काकोरी और काकोरी कांड का नाम स्वतंत्रता संग्राम में किसी तीर्थ स्थान की तरह लिया जाता रहा है.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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