'हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम...', संसद में शेर-ओ-शायरी, जानिए किस नेता ने क्या कहा?
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भारतीय संसद में लंबे वक्त से कविता और शेर-ओ-शायरी के जरिए नेता अपनी बात रखते दिखाई देते हैं. कोई कटाक्ष करता है, तो कोई उसका जवाब देता है.
भारतीय संसद में हमेशा से ही नेताओं को शायरी में सवाल-जवाब करते देखा गया है. बहुत बार तो शायरी का इस्तेमाल एक दूसरे पर तंज कसने के लिए भी होता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'मकतल (कत्लगाह) में आते हैं वे लोग खंजर बदल-बदल के... या रब मैं लाऊं कहां से सर बदल बदल के.' उन्होंने इस शेर को पढ़ते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया.
वहीं उनके इसी शेर का जवाब सत्ता पक्ष ने भी शायराना अंदाज में दिया. भाजपा सांसद सीमा द्विवेदी ने जवाब में अकबर इलाहाबादी का शेर पढ़ा. उन्होंने कहा, 'हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती.'
सत्ता पक्ष-विपक्ष में शायरी से टकराव
ये सिलसिला आगे भी ऐसे ही जारी रहा. इसके बाद कई और सांसदों ने शेर-ओ-शायरी के जरिए आरोप लगाए, साथ ही उसके जवाब भी दिए. आपको बता दें, इस वक्त संसद का मानसून सत्र चल रहा है. मणिपुर और अविश्वास प्रस्ताव समेत तमाम मामलों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिल रहा है. इसी टकराव के बीच कुछ हल्के फुल्के पल भी देखने को मिल रहे हैं.
सांसदों ने शेर-ओ-शायरी के जरिए अपनी बातें रखीं और गिले शिकवे जाहिर किए. इसी दिन यानी गुरुवार को सदन की कार्यवाही को हंगामे के कारण स्थगित कर दिया गया था. जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने के लिए खड़े हुए. उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि उनके बोलने के समय सत्ता पक्ष के सांसद शोर मचाते हैं. इसके बाद उन्होंने तंज कसने के लिए एक शेर सुनाया.
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