
'स्टार किलर' हैं जवान के डायरेक्टर एटली, इमोशन जगाने के लिए हर फिल्म में बड़े एक्टर्स से ली ऑनस्क्रीन जान!
AajTak
डायरेक्टर एटली ने 'जवान' में शाहरुख खान को एक ऐसे अवतार में पेश किया जो जनता ने पहले कभी स्क्रीन पर नहीं देखा था. फिल्म में दीपिका पादुकोण का कैमियो भी खूब चर्चा में रहा. उनके किरदार के साथ एटली ने फिल्म में जो किया, वो उनका ट्रेडमार्क स्टाइल है. उनकी फिल्म में इमोशन ही किसी किरदार के मरने से आता है!
एटली कुमार की 'जवान' में एक के बाद एक ऐसे शानदार मोमेंट्स की भरमार है, जो लगातार जनता का मूड बनाए रखते हैं. फिल्म में शाहरुख के एंट्री सीन्स, उनकी फाइट और मास अवतार तो कमाल हैं ही. मगर जनता को 'जवान' में जो एक चीज खूब भाई, वो है फिल्म में फ़्लैशबैक का सीक्वेंस. इसी सीन में पर्दे पर आपको दीपिका पादुकोण नजर आती हैं. दीपिका का किरदार ऐसी कलाकारी से लिखा गया है कि वो पूरी कहानी का इमोशनल बेस बन जाता है.
'जवान' की कहानी में दो टाइमलाइन हैं. आज एक दौर में जहां शाहरुख का यंग अवतार, आजाद पर्दे पर दिखता है. वहीं फ़्लैशबैक का पूरा सीक्वेंस उसके पेरेंट्स विक्रम राठौर और ऐश्वर्या की कहानी पर बेस्ड है. कहानी में जब आजाद के किरदार की मोटिवेशन रिवील की जाती है, तो स्क्रीन पर विक्रम और ऐश्वर्या की कहानी दिखती है. एक स्पेशल अपीयरेंस में फिल्म का हिस्सा बनीं दीपिका की कहानी फिल्म में ऐसी जगह खत्म होती है. जहां बहुत लोगों को आंसू भी आ गए.
दीपिका की 'कुर्बानी' से इमोशनल हुई जवान की कहानी 'जवान' में दीपिका के किरदार का नाम ऐश्वर्या है. उनके किरदार की स्टोरीलाइन ये है कि ऐश्वर्या एक धोखे का शिकार होती है और उसे फांसी की सजा हो जाती है. फांसी से पहले जेल में ही उसे एक बेटा होता है जिसका नाम आजाद रखा जाता है. स्क्रीन पर जब ऐश्वर्या मरती है तो उसके बच्चे को देखकर लोग इमोशनल हो जाते हैं. डायरेक्टर एटली ने कहानी ऐसी सेट की है कि बड़ा होकर यंग शाहरुख बना आजाद जब करप्ट सिस्टम से भिड़ता है, तो मां की मौत और पिता के साथ हुआ अन्याय उसके एक्शन का आधार बनते हैं.
वैसे तो फिल्मों में बड़े किरदार को मार देना राइटिंग की सुस्ती और क्रिएटिविटी की कमी दिखाता है. और बड़े स्टार्स को तो ऑनस्क्रीन मारने से डायरेक्टर्स अक्सर बचते हैं. ऐसा तभी किया जाता है जब किरदार की कहानी ही फिल्म में खत्म करनी हो. लेकिन एटली की फिल्मों में मौत एक बड़ी शक्ति की तरह होती है, जो फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाती है और चेंज लेकर आती है.
कहानी को जोरदार बनाने के लिए एटली ऑनस्क्रीन किसी न किसी महत्वपूर्ण किरदार को कुर्बान जरूर करते हैं. और ऐसा करते हुए वो कई बड़े कलाकारों को स्क्रीन पर निपटा चुके हैं. और इस सेन्स में एटली को 'स्टार किलर' डायरेक्टर कहा जा सकता है. कैसे? आइए बताते हैं. राजा रानी- नजरिया नाजिम एटली की डेब्यू फिल्म 'राजा रानी' एक ऐसे कपल की कहानी है, जिन्होंने अपने पेरेंट्स की खुशी के लिए शादी कर ली है. हालांकि दोनों ही इस रिश्ते में खुश नहीं हैं क्योंकि वो अपने-अपने एक्स लवर्स को दिमाग से नहीं निकाल पाए हैं. फिल्म में नयनतारा का किरदार एक ऐसी लड़की का है जिसे पता लगता है कि उसके बॉयफ्रेंड ने सुसाइड कर लिया है.
फिल्म के हीरो आर्य, अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करने में कामयाब हो जाते हैं. मगर एक ट्रैजिक सिचुएशन में उनकी गर्लफ्रेंड, उनके सामने ही एक्सीडेंट में जान गंवा देती है. 'राजा रानी' में आर्य की गर्लफ्रेंड का रोल नजरिया नाजिम ने किया था. उनका किरदार पहला था, जिसकी कुर्बानी एटली ने अपनी फिल्म में ली!

अविनाश दास के डायरेक्शन में बनीं फिल्म इन गलियों में एक रोमांटिक ड्रामा है. जिसमें प्रेम-समाज और सोशल मीडिया के प्रभाव पर बात की गई है. फिल्म में एक्टर जावेद जाफरी, विवान शाह, अवंतिका दासानी ने लीड रोल प्ले किया है. 14 मार्च को रिलीज हो रही इस फिल्म ने समाज को सशक्त बनाने के लिए शानदार संदेश दिया है. फिल्म का निर्माण विनोद यादव, नीरू यादव ने किया है. इन गलियों में जावेद जाफरी मिर्जा साहब के रोल में समाज को सुधारने उतरे हैं. ये कहानी जरूर देखें लेकिन क्यों ये जानने के लिए जरूर देखें खास बातचीत.

बॉलीवुड से लेकर टीवी और यहां तक की पाकिस्तानी सिनेमा में भी 11 मार्च, मंगलवार के दिन हलचल मची रही. 'अपोलीना' शो की एक्ट्रेस अदिति शर्मा अपनी तलाक की खबरों को लेकर चर्चा में रहीं. वहीं पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक की तीसरी पत्नी सना जावेद के प्रेग्नेंट होने की खबरें सामने आईं. फिल्म रैप में पढ़ें बड़ी खबरें.