सैकड़ों पेड़ों की कथित कटाई पर दिल्ली सरकार को SC का नोटिस, 11 जुलाई तक देना होगा जवाब
AajTak
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रमुख सचिव से यह बताने को कहा है कि पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. कोर्ट का कहना है कि रिज क्षेत्र में पेड़ों को गिराना 1994 के अधिनियम का उल्लंघन था.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के रिज इलाके में पेड़ काटे जाने और जड़ सहित कई वृक्ष गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अदालत अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से 11 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ों की कथित कटाई के लिए दिल्ली सरकार के पर्यावरण और वन विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पेड़ों की कटाई के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को जिम्मेदार पाया है. अदालत ने सरकार को पेड़ों की कटाई का निर्देश देने वाले डीडीए अधिकारियों के खिलाफ तुरंत आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है.
यह भी पढ़ें: जल संकट पर दिल्ली सरकार ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, हरियाणा से पानी दिलवाने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को दिल्ली रिज इलाके में गिरी लकड़ी और पेड़ों के अन्य हिस्सों यानी सूखे पत्ते, टहनी और जड़ों का स्थान तय करने का भी निर्देश दिया. लकड़ी दिल्ली सरकार के वृक्ष अधिकारी द्वारा एकत्र की जाएगी. वृक्ष अधिकारी इस पर 11 जुलाई तक रिपोर्ट देंगे.
'अब तक कार्रवाई क्यों नहीं?'
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के प्रमुख सचिव से यह बताने को कहा है कि पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. कोर्ट का कहना है कि रिज क्षेत्र में पेड़ों को गिराना 1994 के अधिनियम का उल्लंघन था. दिल्ली सरकार को बताना होगा कि पेड़ों की कटाई में घोर अवैधता कैसे बरती गई? डीडीए ने सख्त प्रावधानों का उल्लंघन किया, इसकी जानकारी होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
पीएम मोदी ने 'मन की बात' के 116वें एपिसोड में 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' की भी घोषणा की, जो स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती पर 11-12 जनवरी, 2025 को भारत मंडपम में आयोजित होने वाला है. इस पहल का उद्देश्य विकसित भारत के लिए आगे की राह पर चर्चा करने और योजना बनाने के लिए देश भर के ऐसे युवाओं को एक मंच पर लाना है, जिनमें लीडरशिप क्वालिटी हो.
जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी अपने पक्ष में कर लिया था. इस बगावत ने शिवसेना को दो धड़ों में बांट दिया, लेकिन इस चुनाव में शिंदे ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है.
आज सुबह की ताजा खबर (Aaj Ki Taza Khabar), 24 नवंबर, 2024 की खबरें और समाचार: महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी नतीजे घोषित हो गए हैं. महाराष्ट्र में जहां एक बार फिर महायुति की सरकार बनेगी तो वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में INDIA ब्लॉक सरकार बनाने जा रहा है. पर्थ टेस्ट में भारत मजबूत स्थिति में पहुंच गया है.