सिंगापुर में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करना पड़ा भारी, भारतीय मूल की कार्यकर्ता समेत 3 पर लगे ये आरोप
AajTak
रिपोर्ट के अनुसार सभी आरोपियों ने 2 फरवरी को इस्ताना (निषिद्ध क्षेत्र) की परिधि में बिना परमिट के सभा या जुलूस किया था. इसी केस में सिंगापुर की कोर्ट ने भारतीय मूल की कार्यकर्ता समेत तीन महिलाओं पर आरोप लगाया है. भारतीय मूल की अन्नामलाई एक जानी-मानी ह्यूमन एक्टिविस्ट हैं. जिन पर मोसामद, सिती अमीरा और अन्य को अपने साथ शामिल करके कथित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप है.
सिंगापुर में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने के मामले में भारतीय मूल की कार्यकर्ता समेत तीन महिलाओं पर आरोप लगाया गया है. आरोपियों में 35 साल की अन्नामलाई कोकिला पार्वती और मलय जातीयता की दो महिलाएं 29 वर्षीय सिती अमीरा मोहम्मद असरोरी और 25 वर्षीय मोसामद सोबिकुन नाहर शामिल हैं. बता दें कि इस साल की शुरुआत में बिना अनुमति के फिलिस्तीन के समर्थन में सिंगापुर में निषिद्ध क्षेत्र में एक प्रदर्शन किया गया था. इसमें करीब 70 लोगों को शामिल किया गया था. इसी केस में सिंगापुर की कोर्ट ने भारतीय मूल की कार्यकर्ता समेत तीन महिलाओं पर आरोप लगाया है.
चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार सभी आरोपियों ने 2 फरवरी को इस्ताना (निषिद्ध क्षेत्र) की परिधि में बिना परमिट के सभा या जुलूस किया था. इसे लेकर सार्वजनिक आदेश अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया था. बता दें कि भारतीय मूल की अन्नामलाई एक जानी-मानी ह्यूमन एक्टिविस्ट हैं. जिन पर मोसामद, सिती अमीरा और अन्य को अपने साथ शामिल करके कथित अपराध को बढ़ावा देने का आरोप है.
रिपोर्ट के मुताबिक तीनों आरोपियों का प्रतिनिधित्व एक वकील ने किया, जिसने अपना पक्ष रखने के लिए 6 सप्ताह का समय मांगा और कहा कि किसी दलील का कोई संकेत नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार, वकील ने कहा कि वह जुलाई में अन्नामलाई को परिवार से मिलने के लिए देश छोड़ने के लिए तत्काल आवेदन करेगा, जिस पर अलग से सुनवाई होगी.
मोसामद और अन्नामलाई के मामलों की सुनवाई 8 अगस्त को तय की गई, जबकि सिती अमीरा के मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी. पुलिस ने कहा कि अन्नामलाई को पहले 5 दिसंबर 2017 को कड़ी चेतावनी दी गई थी और 30 नवंबर 2021 को बिना परमिट के अन्य सार्वजनिक सभाओं में शामिल होने के लिए 24 महीने की सशर्त चेतावनी दी गई थी. 2 फरवरी को लगभग 70 लोग दोपहर लगभग 2 बजे एक शॉपिंग मॉल के बाहर ऑर्चर्ड रोड पर एकत्र हुए और इस्ताना की ओर चल पड़े. उन्होंने इजरायल-हमास युद्ध के बीच फिलिस्तीनी मुद्दे के समर्थन में प्रदर्शन किया.
सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार लेटर्स फॉर फिलिस्तीन कार्यक्रम के शामिल होने वाले प्रदर्शनकारी पैलेस के ठीक पहले एक शॉपिंग मॉल प्लाजा सिंगापुरा से चलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री ली सीन लूंग को संबोधित पत्र लेकर इस्ताना में प्रधानमंत्री कार्यालय में पहुंचाने गए. पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपियों को अगर दोषी पाया जाता है, तो प्रत्येक को छह महीने से अधिक की जेल या 10,000 सिंगापुर डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है.
विनोद तावड़े ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पैसे बांटने को लेकर उन पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. तावड़े ने तीनों कांग्रेस नेताओं से अंग्रेजी, हिंदी और मराठी अखबारों और सोशल मीडिया पर 24 घंटे के भीतर बिना शर्त माफी की मांग की है. लीगल नोटिस में विनोद तावड़े ने कहा कि अगर कांग्रेस के नेता माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई.