'सरकार ने बातचीत शुरू नहीं की तो...', सोनम वांगचुक ने फिर दी आंदोलन की चेतावनी, जानें- क्या है उनकी मांगें
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सोनम वांगचुक लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इन मांगों पर बातचीत के लिए अगर केंद्र सरकार लद्दाख के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं करती है तो वो स्वतंत्रता दिवस पर 28 दिन का अनशन शुरू करेंगे.
लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने बातचीत शुरू नहीं की तो वो 15 अगस्त से एक बार फिर अनशन शुरू करेंगे. ये अनशन 28 दिन का होगा.
सोनम वांगचुक लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इन मांगों पर बातचीत के लिए अगर केंद्र सरकार लद्दाख के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं करती है तो वो स्वतंत्रता दिवस पर 28 दिन का अनशन शुरू करेंगे.
उन्होंने बताया कि करगिल विजय दिवस की 25वीं सालगिरह पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्रास आए थे, तब अपेक्स बॉडी लेह (ABL) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने इन मांगों पर एक ज्ञापन उन्हें सौंपा था. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ज्ञापन सौंपने के बाद बातचीत के लिए आमंत्रित किया जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ तो हम फिर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे.
इससे पहले इसी साल मार्च में भी सोनम वांगचुक ने 21 दिनों का अनशन किया था. तब उन्होंने सिर्फ नमक और पानी पीकर अनशन किया था. वांगचुक ने सरकार पर लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक संरक्षण देने का वादा तोड़ने का आरोप लगाया है.
क्या है उनकी मांगें?
एबीएल और केडीए की लद्दाख को लेकर कई मांगें हैं. सबसे बड़ी मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि उसे संवैधानिक सुरक्षा मिल सके. इसके साथ ही लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. इसके पीछे तर्क है कि पहले अनुच्छेद 370 की वजह से लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा मिली थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.
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