सऊदी अरब: सरकार विरोधी प्रदर्शन की फोन में मिली थी तस्वीरें, अब दे दी गई मौत की सजा
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मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि दारविश को लेकर जो भी दस्तावेज पेश किए गए उनमें उसके कथित अपराध किन महीनों में हुए ये नहीं बताया गया. मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक 2011-12 में दारविश की उम्र महज 17 साल थी.
सऊदी अरब में एक ऐसे शख्स की सजा-ए-मौत पर अमल किया गया है जिसने कथित तौर पर जब विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था तो वो नाबालिग था. मुस्तफा हाशेम अल दारविश को दम्माम में मौत की सजा दी गई. मुस्तफा को 2015 में गिरफ्तार किया गया था. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि दारविश ने 2011-12 में विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था, उस वक्त उसकी उम्र महज 17 साल थी. BREAKING: Mustafa Hashem al Darwish was executed today - on Tuesday, June 15, 2021. He was a child defendant in Saudi Arabia. His family were given no warning and found out by reading the news. Our press release 👇🏾https://t.co/XhWtakVESV दारविश के खिलाफ चार्जशीट में उसे सशस्त्र विद्रोह में हिस्सा लेने का आरोपी बताया गया था. साथ ही कहा गया था कि दारविश दंगे से सुरक्षा को भंग करना चाहता था और दूसरों में असंतोष पैदा करना चाहता था. सबूत के तौर पर एक तस्वीर मुहैया कराई गई जिसमें उसे ‘सुरक्षा बलों को लेकर आक्रामक बताया गया. साथ ही दारविश का एक कबूलनामा भी पेश किया गया जिसमें उसकी ओर से 2011-12 में दस से ज्यादा दंगा जमावड़ों में हिस्सा लेना कबूलना बताया गया.More Related News
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने गुरुवार को युद्ध और मानवता के खिलाफ अपराधों को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया. आईसीसी ने नेतन्याहू और गैलेंट पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया, जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्यों की बात कही गई.