वो कोर्ट केस जिसकी वजह से शपथ नहीं ले सके अफजाल अंसारी, संसद में आए लेकिन स्पीकर चुनाव में नहीं हो सके शामिल
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अफजाल अंसारी दूसरी बार यूपी की गाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीते हैं. वे इस बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और बीजेपी के पारसनाथ राय को 1,24,861 वोटों से चुनाव हराया है. अफजाल को 5,39,912 वोट और पारसनाथ राय को 4,15,051 मत मिले. 2019 में अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी.
18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है. नए सांसद सदन में सदस्यता की शपथ ले रहे हैं. लेकिन कुछ नेता ऐसे हैं, जो अब तक शपथ नहीं ले पाए हैं. उनमें यूपी से एकमात्र सपा सांसद अफजाल अंसारी का नाम भी शामिल है. इसके पीछे कानूनी पेच फंसा माना जा रहा है. अफजाल को गैंगस्टर एक्ट के मामले में सजा हुई है और सुप्रीम कोर्ट ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने पर रोक लगा रखी है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है.
अफजाल दूसरी बार गाजीपुर सीट से चुनाव जीते हैं. वे इस बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और बीजेपी के पारसनाथ राय को 1,24,861 वोटों से चुनाव हराया है. अफजाल को 5,39,912 वोट और पारसनाथ राय को 4,15,051 मत मिले. 2019 में अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने 2019 में बीजेपी के मनोज सिन्हा को हराया था. अफजाल के भाई माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ है. गाजीपुर के साथ पड़ोस के बलिया, मऊ, आजमगढ़ और वाराणसी जिले में भी अंसारी परिवार का प्रभाव माना जाता है.
संसद पहुंचे अफजाल, शपथ नहीं ले सके
दो दिन पहले अफजाल संसद में शपथ लेने के लिए निकले थे. बुधवार को वे संसद भी पहुंचे और सपा के वरिष्ठ नेताओं से भी मिले. कुछ देर तक बातचीत की. उसके बाद अचानक उठकर चले गए और संसद में सदस्यता की शपथ नहीं ले पाए. इसके पीछे का कारण भी सामने आया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, एमपी-एमएलए कोर्ट ने पिछले साल अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में चार साल की सजा सुनाई थी. इसके कारण अफजाल की संसद सदस्यता चली गई थी. बाद में अफजाल ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. जब राहत नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल को मिली सजा पर रोक तो लगा दी थी, लेकिन कई शर्तें तय की थीं. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा था कि जब तक इलाहाबाद हाईकोर्ट से अफजाल की अपील पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक वो ना तो संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं और ना ही सदन में किसी मुद्दे पर वोटिंग कर सकते हैं. यही कारण है कि उन्हें संसद में शपथ नहीं दिलाई गई. इस मामले में जुलाई के पहले हफ्ते में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. माना जा रहा है कि उसके बाद ही अफजाल के शपथ लेने की संभावना है.
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