वृंदावन में हितोत्सव के मौके पर राधा केलि कुंज में हुई अद्भुत आनंद वर्षा
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राधावल्लभ संप्रदाय के संस्थापक महाप्रभु श्रीहितहरिवंशचंद्र जी सोलहवीं शताब्दी में आविर्भूत विभूतियों में से एक अनन्यतम विभूति थे. जिनके प्राकट्य महामहोत्सव को राधावल्लभ संप्रदाय में हितोत्सव के रूप में मनाने की प्राचीन परम्परा है.
नई दिल्लीः श्री हित राधा केलि कुंज आश्रम वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज के सानिध्य में कल 'हितोत्सव' बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया, जिसमें अद्भुत आनंद की वर्षा हुई. वंशी स्वरूप हितावतार रसिकाचार्य श्रीहितहरिवंश महाप्रभु के प्राकट्य महामहोत्सव पर श्रीहित प्रेमानन्द जी महाराज ने मंगलमयी बधाईओं का गान किया एवं श्रीहरिवंशमहाप्रभु की महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि श्रीश्यामसुन्दर के करकमलों में विराजित वंशी, जिसने द्वापरांत में कृष्णावतार काल में ब्रजांगनाओं को महारस का आस्वादन कराया था.
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