वाजपेयी मंत्रिमंडल में निभाई अहम जिम्मेदारी, अब मोदी कैबिनेट में कमबैक... कैसा है जुएल ओरम का राजनीतिक सफर
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अर्जुन मुंडा के झारखंड के खूंटी से इस बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद जुएल ओरम ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में कमबैक किया है. भाजपा के पुराने सदस्य जुएल ओरम का राजनीतिक करियर शानदार रहा है, वे साधारण पृष्ठभूमि से उठकर भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
ओडिशा के भाजपा नेता जुएल ओरम ने मोदी सरकार 3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. जुएल ओरम 1999 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे. बता दें कि ओराम 2014 से 2019 तक जनजातीय मामलों के मंत्री के रूप में पीएम मोदी के पहले मंत्रिमंडल का भी हिस्सा रहे हैं, लेकिन उनके बाद अर्जुन मुंडा ने कार्यभार संभाला था.
अर्जुन मुंडा के झारखंड के खूंटी से इस बार लोकसभा चुनाव हारने के बाद जुएल ओरम ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में कमबैक किया है. भाजपा के पुराने सदस्य जुएल ओरम का राजनीतिक करियर शानदार रहा है, वे साधारण पृष्ठभूमि से उठकर भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री बने.
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मे ओरम का शुरुआती जीवन गरीबी और कठिनाई से भरा रहा. चुनौतियों के बावजूद उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया. 1989 में राजनीति में आने से पहले उन्होंने 6 साल तक भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) में सहायक फोरमैन के रूप में काम किया. ओरम साल 1989 में भाजपा में शामिल हुए.
1989 में भाजपा में शामिल हुए थे ओरम
ओरम 1990 में बोनाई विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने और 1998 तक दो कार्यकाल तक सेवा की. इस दौरान उन्होंने पार्टी के भीतर विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिसमें भाजपा एसटी मोर्चा (अनुसूचित जनजाति विंग) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव शामिल थे.
1998 में सुंदरगढ़ सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे
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