'लोन लेकर पढ़ाया, घर बेचकर हीरो बनाने को तैयार थे मेरे पापा', पंजाबी सिंगर परमीश ने बताया कितना मुश्किल है स्टार बनना
AajTak
साहित्य आजतक से बातचीत में पर्मिश का स्ट्रगल 2007 नहीं बल्कि इससे पहले से शुरू हो गया था. सिंगर ने बताया कि उनके पिता उनका करियर सेट करने के लिए घर तक बेचने को तैयार थे. पर्मिश को देख ऑडियन्स में मौजूद सभी क्रेजी होते दिखाई दिए.
'ना जट्टा ना...', 'जा वे जा...', 'कच्चे पक्के यार...', जैसे कई गानों पर आप थिरके होंगे और लाउड आवाज में सुनकर झूमे होंगे. इन फेमस गानों को गाने वाले पंजाबी सिंगर पर्मिश वर्मा ने साहित्य आजतक के मंच की शोभा बढ़ाई और अपनी स्ट्रगल स्टोरी के बारे में बात की. पर्मिश ने बताया कि उनका करियर बनाने के लिए उनके पिता अपना घर तक बेचने को तैयार हो गए थे. वो पहले ऑस्ट्रेलिया में हुआ करते थे, फिर वो इंडिया आए और गाने बनाए.
अपनी स्ट्रगल स्टोरी पर बात करते हुए पर्मिश ने कहा कि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, जो दूसरे को आगे बढ़ने से रोकते हैं वहीं कुछ ऐसे होते हैं आगे बढ़ने में मदद करते हैं, मैंने दोनों देखे हैं. आपको सोचना होगा कि आपको जिंदगी जीनी कैसे है. मैं लाइफ को ऐसे ही एक्सेप्ट करता हूं. आपको लगता है कि जिंदगी का कंट्रोल आपके हाथ में है, जिंदगी जीने का तरीका आपके हाथ में है, लेकिन आउटकम आपके हाथ में नहीं है.
हीरो बनाने के लिए घर बेचने चले थे पिता
पर्मिश का स्ट्रगल 2007 नहीं बल्कि इससे पहले से शुरू हो गया था. सिंगर बोले- जब मैं शुरु शुरू में थोड़ा सा हिट हुआ था तो लगता था कि बहुत अचीव कर लिया है. लेकिन अब जब मैं बहुत कुछ एक्सपीरियंस कर चुका हूं तो लगता है कि कुछ अचीव नहीं किया है. मैं दोस्तों से कहता हूं कि जब खर्चे हजारों में थे, तो लाखों रुपया बहुत ज्यादा लगता था. पर जब आप अपना अनुभव लेते हो तो सब बहुत बड़ा अचीवमेंट लगता है. हर किसी का कुछ मतलब है, मैंने अपनी लाइफ में बहुत कुछ किया है, लेकिन वो सिर्फ जर्नी है, उसका क्वालिफिकेशन राउंड ही मैंने क्लियर किया था.
पर्मिश ने बताया कि उनके पिता उनका करियर सेट करने के लिए घर तक बेचने को तैयार थे. सिंगर बोले- पिता होते ही ऐसे हैं, शायद ही कोई इस बात से इनकार करेगा. एक डायरेक्टर ने कहा था कि 2 करोड़ दोगे तो हीरो ले लेंगे आपके बेटे को. तो पापा ने कोशिश की और पता चला कि 35 लाख का ही बिकेगा, तो वो बोले कि घर बेच के भी 35 लाख ही आएंगे. दो करोड़ कैसे आएंगे. तो पापा ने हमेशा मुझे आगे बढ़ाने की कोशिश की है. ये आपको रिएलाइज होता है जैसे जैसे आप बड़े होते हो.
विदेश से बुलाया वापस
साहित्य आजतक 2024 के ग्रैंड मंच पर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर टर्न्ड एक्ट्रेस प्राजक्ता कोली ने शिरकत की. प्राजक्ता आज की तारीख में एक्टर, क्रिएटर और क्लाइमेट चेंजर भी हैं. तो उन्हें कौन सा टैग पसंद है. प्राजक्ता ने बताया कि मैं सबसे ज्यादा क्रिएटर कहलाना पसंद करती हूं. मुझे तब से अब में सबसे ज्यादा केयरफ्री होना अच्छा लगता है. आने वाले फरवरी के महीने में दस साल हो जाएंगे. ज्यादातर 'मोस्टली सेन' ही रहती हूं. आसपास चीजें हो जाएं तो मैं थोड़ा दूर दूर रह लेती हूं.
दिव्येंदु शर्मा, जिन्हें हम मुन्ना भैया के नाम से जानते हैं, ने हाल ही में अपनी नई फिल्म 'अग्नि' के बारे में बातचीत की और उन्होंने बताया कि उन्हें फायर फाइटर्स की भूमिका निभाने में कितनी चुनौतियाँ आईं. उन्होंने अपने प्रशंसकों के लिए अपने प्रसिद्ध किरदार मुन्ना भैया के कुछ डायलॉग भी दोहराए. दिवेंदु ने अपने अभिनय करियर के बारे में भी बात की और उन्होंने बताया कि वे एक नए रोल के लिए अपनी दाढ़ी और बाल बढ़ा रहे हैं और कॉमेडी करना उन्हें बहुत मुश्किल लगता है. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें अपने रोल्स के लिए तैयारी करने में कितना समय लगता है. देखिए इस बातचीत का पूरा वीडियो.
यूनुस खान रेडियो का जाना-पहचाना नाम हैं. उन्होंने पिछले ढाई दशकों से विवध भारती के लिए सैकड़ों हस्तियों के इंटरव्यू किए हैं. रेडियो के लिए सिनेमा और संगीत प्रोग्राम लिखे हैं. 3 दशकों से सिनेमा के बारे यूनुस में लिख रहे हैं. सेशन के दौरान मॉडरेटर आशुतोष से बातचीत में यूनुस ने बताया कि संगीत से उनका लगाव कैसे हुआ.
राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य आजतक कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. साहित्य का मेला तीन दिनों के लिए लगा है. शनिवार को साहित्य का दूसरा दिन है. 'बॉलीवुड बायोग्राफ़ीज' सत्र में यूनुस खान (लेखक) और सहर जमान (लेखिका) शामिल हुए. इस सत्र को आशुतोष चतुर्वेदी ने होस्ट किया है. देखें वीडियो.
राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य आजतक कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. साहित्य का मेला तीन दिनों के लिए लगा है. शनिवार को साहित्य का दूसरा दिन है. 'तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले...' सत्र में सिंगर हेमलता और लेखक अरविंद यादव शामिल हुए. इस सत्र को आशुतोष चतुर्वेदी ने होस्ट किया है. देखें वीडियो.
राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य आजतक कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. साहित्य का मेला तीन दिनों के लिए लगा है. शनिवार को साहित्य का दूसरा दिन है. दिल्ली की बेटी और मुंबई की सुपरस्टार कुशा कपिला ने साहित्य आज तक में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने पनी जीवन यात्रा, सपनों, चुनौतियों और सफलताओं को साझा किया.
राजधानी दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में साहित्य आजतक कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है. साहित्य का मेला तीन दिनों के लिए लगा है. शनिवार को साहित्य का दूसरा दिन है. 'अध्यात्म और अभिनय' के सत्र में लेखक और एक्टर अखिलेंद्र मिश्रा शामिल हुए. अखिलेंद्र ने अभिनय की दुनिया में उत्कृष्टता के लिए अध्यात्म का महत्व समझाया है. देखें वीडियो.