
रामपुर में Online Attendance का जबरदस्त विरोध, 375 सरकारी टीचरों ने संकुल पद से दिया इस्तीफा
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रामपुर जिले में भी ऑनलाइन अटेंडेंस के फरमान के विरुद्ध सरकारी टीचर्स (Government Teachers) लामबंद हो गए हैं. उन्होंने सामूहिक रूप से संकुल पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया है.
यूपी के रामपुर में ऑनलाइन अटेंडेंस (Online Attendance) के फरमान के विरुद्ध सरकारी टीचर्स (Government Teachers) लामबंद हो गए हैं. टीचर्स को जब उनके धरने-प्रदर्शन के बावजूद सरकार से कोई राहत नहीं मिली तो सामूहिक रूप से उन्होंने संकुल पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया है. 375 टीचर्स ने जिले भर में संकुल पद से त्यागपत्र देने की घोषणा की है, जिसमें टीचर्स बिना किसी मानदेय या खर्च की विद्यालयों के पत्र और सूचनाओं पहुंचने तक सरकारी काम करते रहे हैं.
हालांकि, अब यूपी सरकार द्वारा डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को दो महीने के लिए रोक दिया है. शिक्षकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी.
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इससे पहले शिक्षक राकेश कुमार विश्व वर्मा ने बताया कि हम लोग बेसिक शिक्षा विभाग में ऑनलाइन अटेंडेंस के विरुद्ध 8 जुलाई से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अपना विरोध जाता रहे हैं. हमारे सारे शिक्षक आक्रोश में आकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने कोई ऐसा निर्णय नहीं लिया है जिससे ऑनलाइन अटेंडेंस वापस हो जाए.
बकौल राकेश बेसिक शिक्षा विभाग में 2019 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था कि स्कूलों में जो पत्रावली होती है उसके आदान-प्रदान के लिए संकुल की नियुक्ति की जाए. बाद में हमारे शिक्षक बंधुओं को ही संकुल बनाया गया और उन संकुल को चार से पांच स्कूलों का चार्ज दे दिया गया, जो वहां से सूचनाओं को कलेक्ट करते थे और संबंधित विभाग को पहुंचाते थे. महीने में एक मीटिंग होती थी, उस मीटिंग में भी सारे शिक्षक (संकुल) होते थे. संकुल ही पूरी मीटिंग ऑर्गेनाइज करते थे. इसके लिए विभाग से कोई मानदेय नहीं मिलता था. संकुल अपने खर्चे से आते-जाते थे. कभी भी सूचनाएं मांग ली जाती थीं, चाहे वह बाइक से हो या ऑटो से हो. लेकिन आज जब हमारी मांगे पूरी नहीं की जा रही हैं तो हम 375 संकुलो ने सामूहिक रूप से ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में इस्तीफा दे दिया है.
इस विषय पर शिक्षक नूतन सिंह ने बताया- मैं 2019 से सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हूं. मुझे भी शिक्षक संकुल बनाया गया था. लेकिन आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. संकुल पद पर काम करने के कोई एक्स्ट्रा पैसे नहीं मिलते हैं. हम अपने बच्चों को, फैमिली को छोड़कर स्कूल समय के बाद यह सारे काम करते हैं. हम एक्स्ट्रा टाइम दे रहे हैं लेकिन जब हम सरकार से अपनी मांगे रख रहे हैं कि तो सुनी नहीं जा रही.

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