राजस्थान: 'सरकारी स्कूल दलित बच्चों को अलग बैठाकर देते हैं मिड डे मील', SC आयोग को मिली शिकायत
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आयोग के अध्यक्ष को मिली शिकायत के अनुसार, स्कूलों ने मिड डे मील भोजन परोसते समय अनुसूचित जाति (SC) के बच्चों के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की है. इसके अलावा SC कैटेगरी के लोगों को मिड डे मील का खाना बनाने की भी इजाज़त नहीं दी जा रही है.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) को राजस्थान के कुछ स्कूलों में मध्याह्न भोजन परोसते समय SC बच्चों से कथित भेदभाव की शिकायत मिली है. एजेंसी के अनुसार, NCSC के अध्यक्ष विजय सांपला ने दावा किया है कि बीते कुछ समय में राजस्थान में दलितों पर अत्याचार बढ़े हैं और आयोग 24-25 अगस्त को जयपुर में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक करेगा.
सांपला ने संवाददाताओं से कहा कि शिकायत के अनुसार, स्कूलों ने मिड डे मील भोजन परोसते समय अनुसूचित जाति (SC) के बच्चों के लिए अलग बैठने की व्यवस्था है. उन्होंने कहा, 'ऑल इंडिया SC/ST वेलफेयर एसोसिएशन के एक कार्यक्रम के दौरान मुझे बताया गया कि कुछ स्कूलों में SC समुदाय के लोगों को मिड डे मील का भोजन बनाने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है.'
उन्होंने कहा, "मैंने आरोपों के सत्यापन के लिए ऐसे स्कूलों की सूची और मामले पर एक रिपोर्ट मांगी है. अगर सरकारी स्कूलों में ऐसी चीजें हो रही हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम बाकी राज्यों को भी लिख रहे हैं कि जब स्कूलों को मान्यता दी जाती है, तो उस स्कूल के प्रबंधन से एक हलफनामा लिया जाना चाहिए कि अनुसूचित जाति के प्रति कोई भेदभाव न हो. इस संबंध में शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा कि जालोर की घटना, जहां एक निजी स्कूल में नौ वर्षीय दलित लड़के को उसके शिक्षक ने कथित तौर पर पानी के बर्तन को छूने के लिए पीटा था, दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मामले में कार्रवाई की है और शिक्षक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. स्कूलों में ऐसी घटनाएं बंद होनी चाहिए.
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