मौसम की जानकारी लेना पड़ सकता है भारी, मोबाइल डेटा लीक कर रहे हैं वेदर ऐप्स!
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Android यूज़र्स के लिए प्राइवेसी सबसे बड़ी चुनौती है. आप ऐसी खबरें अक्सर सुनते रहते होंगे कि किसी वेबसाइट या ऐप का डेटा लीक हो गया है. दरअसल यह डेटा किसी भी वेबसाइट या ऐप का पर्सनल नहीं होता है. ये डेटा उन यूज़र्स का होता है जो उस वेबसाइट या ऐप को इस्तेमाल कर रहे होते हैं. अगर आप अपनी प्राइवेसी को लेकर जरा भी सीरियस हैं तो आज हम आपको ऐसे ही ऐप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी जासूसी कर रहे हैं, और इन ऐप्स से आप अपना डेटा कैसे चोरी होने से बचा सकते हैं.
भारत के ज्यादातर जगहों पर इस वक्त कड़ाके की ढंड पड़ रही है. राजधानी दिल्ली में भी विंटर्स के साथ एयर पल्यूशन भी है. स्मार्टफ़ोन के इस दौर में हर कोई मौसम की जानकारी लेने के लिये अलग ऐप्स का इस्तेमाल करता है. हर स्मार्टफोन में पहले से ही वेदर ऐप होता है, जबकि कई लोग वेदर और पल्यूशन की जानकारी के लिए अलग अलग ऐप्स इंस्टॉल करते हैं.
एक रिपोर्ट् के मुताबिक़ ऐसा दावा किया जा रहा है कि मौसम ऐप्स आपकी जासूसी कर रहे हैं. अब सवाल ये है कि Weather ऐप्स आपकी जासूसी कर कैसे रहे हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़ 2017, 2018 और 2019 में भी Weather ऐप्स से लाखों यूज़र्स का डेटा लीक हुआ था, जिसके बाद यूज़र्स को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. लेकिन वेदर ऐप से डेटा लीक कैसे हो सकता है? आइए समझते हैं.
Google play store पर बहुत से ऐसे ऐप्स मौजूद हैं जिन्हें आप मौसम की जानकारी के लिए अपने फ़ोन में डाउनलोड करते हैं और डाउनलोड करने के बाद हम ऐप्स को ओपन करते हैं तब ऐप्स हम से हमारे फ़ोन की कई तरह की परमिशन माँगते हैं और हम बिना देखे सभी परमिशन्स को अलाउ कर देते है.
इसके बाद ये ऐप्स हमें मौसम की जानकारी तो देते ही हैं लेकिन साथ ही हमारे फ़ोन कि पूरी एक्टिविटी को ट्रैक करते हैं और हमारे फ़ोन से ऐसा डेटा भी निकाल लेते हैं जिसकी इन ऐप्स को मौसम की जानकारी देने के लिए कोई ज़रूरत नहीं है.
इसके बाद यूज़र्स के मोबाइल से हासिल जानकारी जैसे कांटेक्ट्स, फ़ोटोज़, लोकेशन, सर्च हिस्ट्री जैसी तमाम जानकारी को इंटरनेशनल मार्केट में दूसरी कंपनियों को बेच देते हैं.
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