मौत नजदीक, फिर भी मुस्कुराहट... मृत्यु करीब होने पर भी क्यों खुश रहते हैं बड़े-बूढ़े?
Zee News
मृत्यु के करीब पहुंचने वाले लोग मृत्यु की मात्र कल्पना करने वालों के मुकाबले जीवन के प्रति अनुभव को साझा करने के लिए ज्यादा सकारात्मक भाषा का इस्तेमाल करते हैं. इससे पता चलता है कि मृत्यु को लेकर हम जितनी कल्पना करते हैं यह उस मुकाबले ज्यादा सुखद है.
नई दिल्ली: मृत्यु से हर किसी को डर लगता है. शायद ही कोई व्यक्ति हो, जो मौत का नाम सुनकर कुछ पल के लिए सिहर न जाए, हालांकि हाल ही में सामने आए कुछ शोधों से पता चलता है कि व्यक्ति मौत के जितना करीब आता है वह उतना ही ज्यादा सुख को अनुभव करता है. साइकोलॉजिकल साइंस की ओर से किए गए एक शोध से पता चलता है कि मौत के करीब पहुंचने वाले लोग जीवन के प्रति ज्यादा सकारात्मक होते हैं.
More Related News