'मेरे पास पैसे नहीं...' जब रतन टाटा ने अमिताभ बच्चन से मांगा था उधार, एक्टर ने सुनाया किस्सा!
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उद्योगपति टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए बच्चन ने लंदन यात्रा के दौरान उनके साथ हुई एक आश्चर्यजनक मुलाकात को याद किया. उन्होंने बताया कि वे दोनों एक ही फ्लाइट से गए थे और हीथ्रो एयरपोर्ट पर उतरने पर रतन टाटा के पास कोई सहायक नहीं था. ऐसे में उन्होंने थोड़ी देर बाद वे फोन बूथ में गए, ताकि किसी से बात कर सकें, लेकिन बिना फोन किए वे वापस आ गए.
बॉलीवुड के शहंशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने 'कौन बनेगा करोड़पति' टीवी शो के दौरान रतन टाटा (Ratan Tata) के सादगी से जुड़ा हुआ एक यादगार किस्सा सुनाया. ये कहानी रतन टाटा की विनम्रता से जुड़ा हुआ है. अमिताभ बच्चन ने बताया कि कैसे वह रतन टाटा से लंदन में मिले थे और उनके साथ एक वाकया ने कैसे उन्हें हैरान कर दिया?
उद्योगपति टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए बच्चन ने लंदन यात्रा के दौरान उनके साथ हुई एक आश्चर्यजनक मुलाकात को याद किया. उन्होंने बताया कि वे दोनों एक ही फ्लाइट से गए थे और हीथ्रो एयरपोर्ट पर उतरने पर रतन टाटा के पास कोई सहायक नहीं था. ऐसे में उन्होंने थोड़ी देर बाद वे फोन बूथ में गए, ताकि किसी से बात कर सकें, लेकिन बिना फोन किए वे वापस आ गए.
'क्या मैं आपसे कुछ पैसे उधार ले सकता हूं' उन्होंने बताया कि रतन टाटा ने मेरी तरफ मुड़ते हुए विनम्र निवेदन किया, "अमिताभ, क्या मैं आपसे कुछ पैसे उधार ले सकता हूँ? मेरे पास फोन करने के लिए पैसे नहीं हैं." ये बात सुनते ही अमिताभ बच्चन हैरान रह गए कि देश का इतना बड़ा उद्योगपति बिना जेब खर्च के भी मदद मांगने के लिए इतना दृढ़ निश्चयी है.
टाटा को "एक महान व्यक्ति और एक सरल इंसान" बताते हुए, बच्चन ने याद दिलाया कि कैसे इस घटना ने उन पर एक अमिट छाप छोड़ी. बच्चन ने कहा कि यह याद टाटा की विनम्रता का प्रतीक है. ऐसे गुण जो किसी ऐसे व्यक्ति के लिए असामान्य थे, जिसे व्यवसाय की दुनिया में इतना सम्मान प्राप्त था और वे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे.
अमिताभ ने सुनाया एक और किस्सा बॉलीवुड दिग्गज ने कहा कि Ratan Tata का निधन एक युग का अंत है. भारतीय उद्योग और समाज पर उनके परिवर्तनकारी प्रभाव के लिए व्यापक रूप से पहचाने जाने वाले और अपनी सच्ची विनम्रता के लिए भी जाने जाते थे. बच्चन ने एक और किस्सा सुनाया: टाटा के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेने गए उनके एक मित्र को आश्चर्य हुआ जब टाटा ने घर जाने के लिए सवारी मांगी. बच्चन ने बताया, "रतन टाटा ने मेरे दोस्त से कहा, 'क्या तुम मुझे घर छोड़ सकते हो? मैं तुम्हारे घर के पीछे ही रहता हूं" "मेरे पास कार नहीं है. यह आश्चर्यजनक था - रतन टाटा बिना कार के!"