'मेरी बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताया', सनातन धर्म विवाद पर उदयनिधि स्टालिन की सफाई
AajTak
सनातन धर्म विवाद मामले में तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सफाई दी है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी बात को बीजेपी ने बढ़ा-चढ़ाकर बताया और झूठ फैलाया. डीएमके नेता ने AIADMK के वरिष्ठ नेता सेलुर राजू के बयान को लेकर भी बीजेपी पर निशाना साधा.
सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी को लेकर निशाने पर आए तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि बीजेपी ने उनकी बात को बढ़ा-चढ़ाकर झूठ फैलाया. उन्होंने कहा कि मैंने "सनातन धर्म उन्मूलन" नामक एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था. मैं वहां मुश्किल से 5 मिनट तक बोला. लेकिन बीजेपी ने मेरी बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताया और झूठ फैलाया. यह राष्ट्रीय चर्चा बन गई.
उदयनिधि ने कहा कि उन्होंने (बीजेपी) मेरे खिलाफ झूठे मामले दायर किये. मेरे सिर पर 10 लाख रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का इनाम घोषित किया गया. जब से यह विवाद बना है, मैं इस मामले पर एआईएडीएमके के रुख के बारे में पूछ रहा हूं.
उन्होंने कहा कि आज AIADMK के वरिष्ठ नेता सेलुर राजू ने आखिरकार सनातन धर्म विवाद पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि संथाना धर्म को खत्म किए हुए कई साल हो गए हैं. कम से कम मैंने तो यही कहा कि सनातन धर्म को ख़त्म कर देना चाहिए. लेकिन सेल्लूर राजू कह रहे हैं कि इसे पहले ही ख़त्म कर दिया गया है. मैं आपको (एआईएडीएमके) चुनौती देता हूं कि आप साहसपूर्वक जाकर अपने मालिकों-अमित शाह और नरेंद्र मोदी से भी यही बात कहें. क्या आप जाकर उन्हें बता सकते हैं कि आपने संथाना धर्म को ख़त्म कर दिया है? यदि उन्होंने मेरे सिर के लिए 10 करोड़ रुपये का इनाम जारी किया, तो कल्पना करें कि सेल्लूर राजू के सिर के लिए कितनी राशि होगी?
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा था?
बता दें कि उदयनिधि ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में कहा था कि सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए. बल्कि, इसे समाप्त ही कर देना चाहिए. सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है. कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे मिटाना है. इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है.'
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.