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'मुस्लिमों के लिए 4 साल होंगे भारी...', ट्रंप की जीत पर मुस्लिम देशों में क्या चर्चा हो रही?
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अमेरिका चुनाव 2024 में डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने जोरदार जीत हासिल की है. वहीं डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को हार का सामना करना पड़ा है. अमेरिका में ट्रंप की जीत और कमला हैरिस की हार पर मुस्लिम देशों की मीडिया ने भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं.
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव 2024 में वोटों की गिनती के बाद रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए जीत हासिल की है. डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस की ओर से जोरों शोरों से हुआ प्रचार काम नहीं आया और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अमेरिका चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को मिली जीत को लेकर मुस्लिम देशों की मीडिया में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. एक अखबार ने तो कमला हैरिस की हार को उनके कर्मों का फल बताया है. उसमें कहा गया है कि कमला हैरिस ने इजरायल-गाजा युद्ध में मुस्लिमों की अनदेखी की है.
'अरब न्यूज' वेबसाइट ने ट्रंप की जीत और कमला हैरिस की हार का कारण इजरायल-गाजा युद्ध को बताया. अखबार में छपे आर्टिकल में कहा गया कि कमला हैरिस ने फिलिस्तीन समर्थकों की मदद से किनारा कर लिया जिसका असर उन्हें अपने वोट बैंक पर देखने को भी मिला.
आर्टिकल में कहा गया कि कमला हैरिस की हार का कोई कुछ भी कारण बताए लेकिन गाजा इसके पीछे की बड़ी वजह है. पिछले एक साल में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से इजरायल के लिए भरपूर समर्थन देखने को मिला. इसके बाद से ही लिबरल वोटर्स के झुकाव का कुछ पता नहीं चल रहा था. आर्टिकल में कहा गया कि कमला हैरिस हर एक मोड़ पर फिलिस्तीनियों के साथ सहानुभूति रखने में विफल रहीं.
जिन फिलिस्तीनी समर्थकों ने कमला हैरिस को वोट भी किया, उनके अलग-अलग कारण थे. कुछ वोटरों ने अपने हित के लिए ऐसा किया तो कुछ ने ट्रंप के इजरायल को लेकर रहे ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए हैरिस के पक्ष में मतदान किया. वहीं कुछ वोटरों ने यह माना कि हैरिस के राष्ट्रपति बनने के बाद युद्धविराम की दिशा में आगे बढ़ना आसान हो सकता है.
ट्रंप को वोट देकर कमला हैरिस को नहीं मिलेगा कोई सबक
द न्यूज अरब वेबसाइट के अन्य आर्टिकल में सीरियन अमेरिकन लेखक की ओर से कहा गया कि हमें यह याद करने की जरूरत नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप कौन हैं. यह वही आदमी है जिसने व्हाइट हाउस में एंटी मुस्लिम एजेंडा फैलाया. हमारे लोगों पर बैन लगाया और इजरायल के सारे अंतरराष्ट्रीय नियमों को ताक पर रखने के बावजूद भी उसका खुला समर्थन किया.
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