मायावती का इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बयान, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र के लिए बताया जरूरी
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला है. उन्होंने बसपा को छोड़कर अन्य राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनावी चंदा लेने पर आलोचना की है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए शीर्ष कोर्ट की तारीफ की .
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला है. उन्होंने बसपा को छोड़कर अन्य राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनावी चंदा लेने पर आलोचना की है. मायावती ने सोमवार को कहा कि रक्षा सौदों आदि में भ्रष्टाचार के बाद चर्चित गुप्त चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताते हुए शीर्ष कोर्ट की तारीफ की.यह भी पढ़ें: मुस्लिमों पर फोकस, नए समीकरण... क्या मायावती बिगाड़ेंगी सपा-कांग्रेस गठबंधन का खेल?चुनावी चंदा लेने के नाम पर बसपा दूर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनावी चंदा लेने के नाम पर उनकी पार्टी इससे दूर है. इसलिए यूपी में चार बार बनी सरकार में बसपा ने जनकल्याण तथा गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ऐतिहासिक पहल किए. मायावती ने कहा कि बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में देशहित से जुड़े मुद्दों पर जोर दिया और महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन को लेकर बसपा सरकार की तरफदारी की.
उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, 'रक्षा सौदों आदि में भ्रष्टाचार के बाद चर्चित गुप्त चुनावी बॉन्ड से उगे धनबल द्वारा देश की राजनीति एवं चुनाव को भी जनहित व जनमत से दूर करने की प्रक्रिया के विरुद्ध माननीय सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला महत्वपूर्ण, किन्तु संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतत् प्रयास ज़रूरी है.'
'बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है' बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा, 'जहां सहारा वहां इशारा', इससे बचने के लिए बीएसपी बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के धनबल से दूर है और जिस कारण यूपी में चार बार बनी सरकार में जनहित, जनकल्याण तथा गरीबी व पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ऐतिहासिक पहल किए, जबकि दूसरी पार्टियां अधिकतर स्वार्थ में ही लगी हैं.'
मायावती ने लिखा कि देश में अब लोकसभा के लिए हो रहे आमचुनाव में जन व देशहित में इन बातों का खास महत्व है, तभी बहुजन हितैषी सरकार देश में बनकर लोगों को जानलेवा महंगाई, बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन के लाचार जीवन से मुक्ति मिल पाएगी, वरना गरीबों की गरीबी व अमीरों की अमीरी लगातार बढ़ती जाएगी.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को लगाई फटकार गौरतलब है कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को फिर सुनवाई हुई. शीर्ष कोर्ट ने SBI से यूनिक नंबर बताने को कहा है, ताकि चंदा देने और लेने वालों का नाम सामने आ सके. कोर्ट ने आज की सुनवाई में SBI को फटकार लगाई और कहा कि बार बार आपसे पूरी जानकारी देने के लिए न कहना पड़े. कोर्ट ने कहा कि हमने एक आपसे कह दिया है, इसका मतलब है कि आपको इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी देनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने SBI से एफिडेविट दाखिल करने को कहा है, जिसमें यह लिखा हो कि उसने सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है और बैंक ने कुछ भी नहीं छिपाया है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एसबीआई की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे से कहा कि हमने पूरा ब्यौरा देने को कहा था, लेकिन एसबीआई ने चुनिंदा जानकारी दी है. वह ऐसा नहीं कर सकती है. इस पर साल्वे की ओर से कहा गया कि वह सारी जानकारी देने को तैयार हैं.
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झारखंड में लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत 13 नवंबर से हो रही है. राज्य में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे. पहले चरण के तहत 43 सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 38 सीटों के लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. मतगणना 23 नवंबर को होगी और इसी दिन महाराष्ट्र के नतीजे भी जारी होंगे. झारखंड की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को समाप्त हो रहा है.
Jharkhand Assembly Election Phase 1 Voting Live Updates: पहले चरण की 43 सीटों के लिए 15344 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनियां तैनात की गई हैं. निर्वाचन आयोग के मुताबिक झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 683 उम्मीदवार मैदान में होंगे. इनमें 73 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं.