
'मायरी' से 'पिया बसंती रे' तक... प्रदीप सरकार ने बनाए थे ये आइकॉनिक म्यूजिक वीडियोज, जिनमें सांस लेती थीं खूबसूरत सुबहें
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फिल्ममेकर प्रदीप सरकार अब हमारे बीच नहीं रहे. वैसे तो उन्हें 'परिणीता' और 'मर्दानी' जैसी बेहतरीन फिल्मों के लिए याद किया जाता है. लेकिन अपने एक काम से वो बहुत लोगों के बचपन से जुड़े सबसे खूबसूरत गीतों का भी हिस्सा थे. 'मायरी' और 'पिया बसंती रे' जैसे गानों के म्यूजिक वीडियो उन्होंने बनाए थे. इन वीडियोज में एक कॉमन थीम थी, आपने कभी नोटिस की?
पलाश सेन का म्यूजिक बैंड 'यूफोरिया', जा जाने कितने लोगों की यादों का एक बहुत बड़ा हिस्सा है. पलाश की आवाज, गानों के लिरिक्स और देसी बीट्स जैसे कदमों को अपने आप थिरकने पर मजबूर कर देते थे. यूफोरिया शब्द का मतलब ही होता है एक उल्लास, उत्साह. ये फीलिंग सिर्फ यूफोरिया ही नहीं, बल्कि ढलते 90s और उभरती नई सदी के शुरुआत में आए कई आइकॉनिक हिंदी गानों के साथ आती थी.
ऐसे ही गानों में पलाश सेन का गाया 'कभी आना तू मेरी गली' और शुभा मुद्गल की आवाज में 'अबके सावन' भी शामिल हैं. ये गाने आपकी यादों का हिस्सा जरूर होंगे. जितने आइकॉनिक ये गाने थे, उतने ही खूबसूरत इनके म्यूजिक वीडियो भी. इन दोनों गानों के म्यूजिक वीडियो आज भी खूब देखे जाते हैं. लेकिन या आपने इन दोनों वीडियो में एक कॉमन थीम पर ध्यान दिया?
दोनों म्यूजिक वीडियोज की कहानी एक सुबह से शुरू होती है. दोनों वीडियोज को एक ऐसे फिल्ममेकर ने तैयार किया था जिसे बाद में 'परिणीता' के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला. ऐसे कई म्यूजिक वीडियोज में खूबसूरत सुबहों के कुछ बेहतरीन दृश्य उकेरने वाले डायरेक्टर प्रदीप सरकार, शुक्रवार की सुबह हमारे बीच नहीं रहे. डायलेसिस पर चल रहे प्रदीप सरकार का पोटेशियम लेवल गुरुवार को बहुत तेजी से गिरा. उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां आज सुबह करीब 3 बजकर 30 मिनट पर उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली.
प्रदीप सरकार की लीगेसी में उनकी फिल्में तो यादगार हैं ही, मगर 90s के उन म्यूजिक वीडियोज के बिना उनका जिक्र पूरा ही नहीं होता, जो हमेशा के लिए हमारी यादों और प्लेलिस्ट में फेवरेट बन चुके हैं. आपको बताते हैं उनके बनाए 5 आइकॉनिक म्यूजिक वीडियोज और उनकी खूबसूरत थीम के बारे में:
1. 'मायरी'

सेंसर बोर्ड ने 'बैड न्यूज' में विक्की कौशल और तृप्ति डिमरी के तीन किसिंग सीन काटकर करीब 27 सेकंड छोटे किए थे. सेंसर बोर्ड पहले भी फिल्मों में कई 'आपत्तिजनक' सीन्स कटवाता रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सेंसर बोर्ड्स 125 साल पहले लगी एक आग की वजह से अस्तित्व में आए? पेश है फिल्म सेंसरशिप का इतिहास.