महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए CM चेहरे को लेकर MVA में मंथन, इनके नाम की चर्चा
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शरद पवार खेमे से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि एमवीए के सहयोगियों को सीएम का चेहरा घोषित करने से दूर रहना चाहिए, इसके बजाय राज्य में सत्ता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी के नेता आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्ता हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. इससे चुनाव से पहले एमवीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चेहरा घोषित करने को लेकर घटक दलों में रस्साकशी शुरू हो गई है.
शरद पवार खेमे से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि एमवीए के सहयोगियों को सीएम का चेहरा घोषित करने से दूर रहना चाहिए, इसके बजाय राज्य में सत्ता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी चुनाव से पहले अकेले चुनाव लड़ने वाली सीटों की संख्या की घोषणा नहीं करनी चाहिए.
यूबीटी सेना के नेता और सांसद संजय राउत ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम के चेहरे के बिना विधानसभा चुनाव लड़ना जोखिम भरा होगा. महाराष्ट्र ने 2019 से 2022 तक के अपने कार्यकाल के दौरान सीएम के रूप में उद्धव ठाकरे द्वारा किए गए अच्छे कामों को देखा है. अब एमवीए को आगामी चुनावों में लोगों को सीएम का चेहरा बनाना चाहिए, राउत ने उद्धव को संभावित सीएम चेहरे के रूप में बताया.
राज्य में चल रहे विधानसभा बजट सत्र के दौरान एमवीए नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक में अब महायुति के सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता भी कूद पड़े हैं. शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि यह एमवीए में दरार की शुरुआत भर है. इससे पहले, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने संयुक्त एमवीए रैली के दौरान उद्धव ठाकरे के लिए रखी गई अलग कुर्सी पर आपत्ति जताई थी.
संजय शिरसाट ने यह भी कहा कि यूबीटी ने हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मजबूत किया है. कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता गिरीश महाजन ने संजय राउत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे भी उद्धव को भारत का प्रधानमंत्री बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे थे. हालांकि, अब लोकसभा में बेहतर संख्या हासिल करने के बाद सीएम चेहरे की दौड़ उनका आंतरिक मामला है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं.
यूबीटी शिवसेना, एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस से मिलकर बनी एमवीए नवंबर 2019 से सीएम के रूप में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्य में सत्ता में थी. हालांकि, 2022 में शिवसेना में विभाजन और उसके बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद सरकार गिर गई.
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जून 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन करने वाले शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ भी अपने पक्ष में कर लिया था. इस बगावत ने शिवसेना को दो धड़ों में बांट दिया, लेकिन इस चुनाव में शिंदे ने साबित कर दिया कि राज्य की जनता उनके नेतृत्व पर भरोसा करती है.
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