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मनोज वाजपेयी ने कहा, डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर कामयाबी के बाद दर्शक मेरी पुरानी फिल्में देख रहे हैं
Zee News
अपने 25 साल के फिल्मी करियर में मनोज वाजपेयी (52) ने ‘सत्या’, ‘शूल’, ’कौन’, ’जुबैदा’ ’गली गुलियां’, ‘राजनीति’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘अलीगढ़’ और ‘भोंसले’ जैसी फिल्में की हैं, जिनमें उनकी अदाकारी को सराहा गया है.
मुंबईः बॉलीवुड अदाकार मनोज वाजपेयी ने कहा है कि वह इसे लेकर बहुत रोमांचित महसूस कर रहे हैं कि डिजिटल मंच पर उनकी कामयाबी ने दर्शकों को, खासतौर पर नौजवान पीढ़ी को 1990 और 2000 के दशक की उनकी फिल्में देखने के लिए प्रेरित किया है. अपने 25 साल के फिल्मी करियर में वाजपेयी (52) ने ‘सत्या’, ‘शूल’, ’कौन’, ’जुबैदा’ ’गली गुलियां’, ‘राजनीति’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘अलीगढ़’ और ‘भोंसले’ जैसी फिल्में की हैं, जिनमें उनकी अदाकारी को सराहा गया है. मुल्क में ऑनलाइन मनोरंजन माध्यमों के जोर पकड़ने के साथ ही नाजरीन उन्हें खुफिया एजेंट ‘श्रीकांत तिवारी’ के तौर पर निभाई गई भूमिका को लेकर जान रहे हैं. दर्शक मेरे सभी काम को देखने की कोशिश कर रहे हैं मनोज वाजपेयी ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम की लोकप्रियता ने दर्शकों के एक हिस्से को उनकी प्रतिभा को फिर से देखने के लिए प्रेरित किया है. अब 13 साल के बच्चे मेरे प्रदर्शन को सराह रहे हैं और मैं नए दर्शकों तक पहुंच पाया हूं. ओटीटी मंचों की वजह से दर्शकों की तादाद बढ़ी है. मैंने ओटीटी पर ‘द फैमिली मेन’, ‘रे’, ‘साइलेंस’ से कामयाबी हासिल की है और इन्हें दुनियाभर में लोगों ने देखा है.” अभिनेता ने कहा कि यह जबर्दस्त है. दर्शक पीछे जा रहे हैं, मेरे सभी काम को फिर से देखने की कोशिश कर रहे हैं.More Related News